प्रवीण दरेकर (फाइल फोटो)
प्रवीण दरेकर (फाइल फोटो)

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    मुंबई: महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर (Praveen Darekar) की अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) पर बांबे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में 23 मार्च को सुनवाई होगी। सोमवार को मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने हाई कोर्ट में रिप्लाई फाइल कर दरेकर के अग्रिम जमानत का विरोध किया।

    आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश सचिव धनंजय शिंदे (Dhananjay Shinde) ने एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत की कि प्रवीण दरेकर फर्जी दस्तावेज जमाकर मजदूर बन गए थे। दरेकर को श्रम की श्रेणी से मुंबई जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (मुंबै बैंक) के निदेशक के रूप में चुना गया था। दरेकर ने कुछ समय के लिए मुंबै बैंक के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था, जबकि वह मजदूर नहीं हैं। दरेकर के खिलाफ एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में मजदूर न होने के बावजूद खुद को मजदूर बताकर ठगी करने का मामला दर्ज किया गया है।

    सहकारी संस्था के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित

    सहकारिता विभाग ने इस साल 3 जनवरी को दरेकर को प्रतिज्ञा मजूर सहकारी संस्था के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया। 1997 में प्रतिज्ञा मजूर सहकारी संस्था के सदस्य बने दरेकर अब तक मुंबै बैंक के अध्यक्ष रहे हैं। जबकि दरेकर का दावा है कि उन पर राजनीतिक द्वेष से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने श्रम श्रेणी में निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया है। इसलिए उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।

    23 मार्च तक कार्रवाई पर रोक

    प्रवीण दरेकर ने बांबे हाई कोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की गुहार लगाई है। 21 मार्च को इस मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन अब 23 मार्च तक के लिए सुनवाई टल गयी है। हाई कोर्ट ने पुलिस को सुनवाई होने तक कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है।