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    मुंबई: कोविड महामारी (Covid Pandemic) का असर इतना व्यापक हुआ है कि इससे बिल्डिंगों (Buildings) की ऊंचाइयां (Height) भी नहीं बच सकीं। एक नवीनतम रिसर्च (Research) की रिपोर्ट के अनुसार, देश के टॉप-7 (Top -7)शहरों में ऊंची इमारतों की हिस्सेदारी पिछले साल घट कर 52% रह गई, जो पूर्व-कोविड वर्ष में 63% थी। 

    हालांकि यह मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में गिरावट उतनी तेज नहीं थी। यह 2019 में 69% से कम होकर 2021 में 62% तक आ गई है।

    बढ़ रहा था, वर्टिकल डेवलपमेंट

    शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्टिकल डेवलपमेंट पिछले एक दशक में भारतीय शहरीकरण की सबसे बड़ी विशेषताओं में से एक रहा है, लेकिन के बाद इसमें बदलाव आया है। पिछले साल टॉप-7 शहरों में शुरू की गई 1,178 परियोजनाओं में से 614 ग्राउंड+10 या उससे अधिक मंजिलों की ऊंची इमारतें थी। 2019 में 960 में से 603 प्रोजेक्ट हाई-राइज़ के थे। नई लॉन्च की गई परियोजनाओं में अपार्टमेंट, विला, रो हाउस और स्वतंत्र इमारतें शामिल हैं। 2020 में शीर्ष सात शहरों में शुरू की गई 486 आवासीय परियोजनाओं में से 291 (60%) में गगनचुंबी इमारतें शामिल थी।

    एमएमआर में हाईराइज बिल्डिंग

    मुंबई, एमएमआर में लगातार जमीन की कमी को देखते हुए हाईराइज इमारतों का चलन बढ़ा। पिछले कुछ वर्षों में एमएमआर में ऊंची इमारतों के निर्माण की प्रक्रिया तेजी से बढ़ी। 2019 में लॉन्च की गई लगभग 360 परियोजनाओं में से 250 (69%) ऊंची इमारतों वाली थी, जबकि 2021 में एमएमआर में शुरू की गई 421 परियोजनाओं में से लगभग 263 (62%) परियोजनाएं ऊंची टॉवर वाली थीं। कोरोना और अन्य कारणों की वजह से इसमें कमी देखी गई है।

    कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ी: जितेंद्र मेहता

    एमसीएचआई-क्रेडाई ठाणे रीजन के अध्यक्ष जितेंद्र मेहता ने कहा कि हाईराइज बिल्डिंगों का निर्माण खर्च काफी बढ़ गया है, जबकि कीमतें नहीं बढ़ी हैं। विकासक मेहता ने कहा कि इमारत जितनी ऊंची होगी, मेंटेनेंस कॉस्ट उतनी ही ज्यादा होती है। इसे देखते हुए कम ऊंचाई वाली इमारतों में अफोर्डेबल हाउसिंग को ज्यादा पसंद किया जा रहा है।

    बड़े अपार्टमेंट की मांग: राजन बांदेलकर

    नरेडको के नेशनल चेयरमेन राजन बांदेलकर के अनुसार, कोविड की वजह से कुछ परिस्थितियों में बदलाव आया है। बड़े अपार्टमेंट के साथ साथ अफोर्डेबल फ्लैट की मांग बढ़ी है। एमएमआर में मांग के अनुसार इमारतों का निर्माण हो रहा है। मुंबई और अन्य बड़े शहरों में जमीन की समस्या देखते हुए हाईराइज बिल्डिंग जरूरी है, लेकिन इनकी निर्माण कॉस्ट भी काफी बढ़ी है। कोविड के बाद अब रियल इस्टेट पटरी पर आ रहा है। घर खरीदारों में उत्साह दिख रहा है।

    अफोर्डेबल हाउसिंग में वृद्धि

    बताया गया कि अपार्टमेंट वाले अफोर्डेबल हाउसिंग में बढ़ोतरी देखी जा रही है। 2021 में एमएमआर क्षेत्र में छोटी, कम ऊंचाई वाली इमारतों के लॉन्च में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। 2021 में एमएमआर की 421 परियोजनाओं में लगभग 56,880 इकाइयां लॉन्च की गईं, जबकि 2019 में 360 से अधिक परियोजनाओं में लगभग 77,990 यूनिट्स, लॉन्च किए गए थे। पुणे की ऊंची इमारतों में भी गिरावट आई। 2019 में 89% से 2021 में 72% हो गई। 2021 में यहां शुरू की गई 235 परियोजनाओं में से 170 ऊंची इमारतों वाली थीं,जबकि 2019 185 प्रोजेक्ट लॉन्च हुए जिनमें 165 प्रोजेक्ट हाई-राइज थे।