(Image-Twitter)
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    मुंबई: मुंबई पुलिस विभाग (Mumbai Police) में कार्यरत जोन-2 के निलंबित पुलिस उपायुक्त और 2010 बैच के वांटेड आईपीएस अधिकारी सौरभ त्रिपाठी (IPS Saurabh Tripathi) सेशन कोर्ट में जमानत याचिका ख़ारिज होने के बाद हाई कोर्ट जाने की बजाए सीधे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की शरण में पहुंच गए है। त्रिपाठी ने खुद को बेकसूर बताया और अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर उन्हें झूठे मामले में फ़ंसाने का आरोपों लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) से कराने की गुहार लगायी है। इस बात की पुष्टि मुंबई क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने की है, हालांकि उन्होंने त्रिपाठी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है। 

    मुंबई के अंगड़ियां व्यापारियों से जबरन वसूली मामले में करीब दो माह से फरार सौरभ त्रिपाठी के पिता नीलकंठ त्रिपाठी को भी पिछले हफ्ते आरोपी बनाया गया है और दोनों पिता-पुत्र फरार हैं। मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) दोनों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है।  इस केस में त्रिपाठी के जीजा आशुतोष मिश्रा, घरेलु नौकर कुमार प्यारेलाल गौड़ उर्फ़ पप्पू, एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में कार्यरत निलंबित पुलिस निरीक्षक ओम वांगटे, सहायक पुलिस निरीक्षक नितिन कदम और पुलिस उप निरीछक समाधान जामदादे के साथ ज्यूडिशियल कस्टडी में है। 

    याचिका में लगाए कई आरोप

    त्रिपाठी के वकील निखिलेश रामचंद्रन द्वारा दायर की गई याचिका में त्रिपाठी ने दावा किया है कि परमबीर सिंह के खिलाफ एक साजिश का हिस्सा होने से इनकार करने के बाद राज्य उनके और उनके परिवार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है। सुप्रीम कोर्ट के 24 मार्च के आदेश का हवाला देते हुए राज्य को परमबीर सिंह के खिलाफ दर्ज सभी पांच मामलों को सीबीआई को सौंपने का निर्देश देते हुए त्रिपाठी के आवेदन में कहा गया है कि जब उन्हें डीसीपी (सुरक्षा) के रूप में तैनात किया गया था, तो उन्हें 24 जुलाई को व्हाट्सएप पर एक संयुक्त पुलिस आयुक्त ने उन्हें फ़ोन किया गया था।  त्रिपाठी का आरोप है कि 9 जुलाई, 2021 को उन्हें जोन-दो के डीसीपी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया। 24 जुलाई को उन्हें पूर्व सीपी परमबीर सिंह के खिलाफ केसों के लिए बनाई जा रही एसआईटी को लीड करने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने इस ऑफर को मना कर दिया, तो कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और  कुछ राजनेताओं को यह बात अच्छी नहीं लगी। त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई अपनी याचिका में इस बात का जिक्र किया है कि सिंह के खिलाफ मकोका भी  लगाए जाने की तैयारी थी। 

    आईपीएस त्रिपाठी का वर्किंग रिकॉर्ड 

    याचिका में सौरभ त्रिपाठी ने अपनी पृष्ठभूमि भी विस्तार से लिखी है। बताया है कि वह साल 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। सोलापुर, अहमदनगर और अमरावती ग्रामीण में पोस्टिंग के बाद साल 2017 में बतौर डीसीपी मुंबई में ट्रांसफर हुए। वह ट्रैफिक के डीसीपी भी रहे। फिर फरवरी 2019 से अक्टूबर 2020 तक उनकी जोन चार में पोस्टिंग हुई। उसके बाद अक्टूबर, 2020 से अक्टूबर, 2021 तक उन्हें प्रोटेक्शन ब्रांच का डीसीपी बनाया गया।