नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई: एनसीपी शरद पवार गुट के सीनियर नेता व विधायक जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) ने दावा किया है कि बीजेपी (BJP) महाराष्ट्र में अगला लोकसभा चुनाव (Election 2024) सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार गुट के बिना लड़ेगी। उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमें कहा है कि नागपुर में शीतकालीन सत्र खत्म होने के बाद चौंकाने वाली राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है। नागपुर में बीजेपी-आरएसएस की वैचारिक बैठक हुई। इसमें तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद महाराष्ट्र में क्या हो सकता है, इस पर मंथन हुआ। इसमें तय हुआ कि बीजेपी को राज्य में अकेले चुनाव लड़ना चाहिए। जो दागी हैं, उनके साथ न जाने का निर्णय लिया गया है। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि जो राजनीति समझते हैं, उन्हें समझ आ गया होगा कि बीजेपी महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ेगी। वहीं जो लोग बीजेपी से चुनाव लड़ना चाहते हैं उन्हें कमल पर चुनाव लड़ना होगा। एनसीपी नेता के इस खुलासे के बाद अब देखना होगा कि सीएम एकनाथ शिंदे गुट और डिप्टी सीएम अजित पवार गुट की क्या प्रतिक्रिया होगी।
नागपूरमधील हिवाळी अधिवेशन संपल्यानंतर धक्कादायक राजकीय चर्चा सुरू झाली आहे.
नागपूरमध्ये भाजप -आरएसएस यांची एक वैचारिक बैठक झाली. त्यामध्ये तीन राज्यातील निवडणुका जिंकल्यानंतर महाराष्ट्रात काय असू शकते, यावर मंथन झाले. या मंथनातून राज्यात भाजपने एकट्याने निवडणूक लढवावी, असे…— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) December 20, 2023
बीजेपी का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी ने अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ा और इन तीनों ही राज्यों में बड़ी सफलता हासिल की है। जानकारों का कहना है कि इससे बीजेपी का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। इस पृष्ठभूमि में बीजेपी को भरोसा है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में अपने दम पर महाराष्ट्र में बड़ी सफलता हासिल कर सकती है। इसलिए इस संभावना से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता कि बीजेपी, शिंदे गुट और अजित गुट से अलग अपने दम पर चुनाव लड़ने की कोशिश करे।
शिंदे गुट के सांसद भी कमल चिन्ह पर लड़ना चाहते हैं
कुछ दिन ऐसी चर्चा सामने आई थी कि शिंदे गुट के कुछ सांसद आगामी लोकसभा चुनाव कमल के निशान पर लड़ने का मन बना रहे हैं। इसकी राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हुई। उन्हें लग रहा है कि शिवसेना में फूट के बाद तीर-धनुष के सहारे चुनाव जीतना मुश्किल होगा। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने अभी तक इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है।