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    -अनिल चौहान

    भायंदर: चुनावी खैरात रोकने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में जारी सुनवाई के बीच मीरा-भायंदर महानगरपालिका (Mira-Bhayander Municipal Corporation)  में सत्ताधारी बीजेपी (BJP) भी अब रेबड़ियां बांटने जा रही है। महानगरपालिका की महिला व बाल कल्याण समिति की ओर से विद्यार्थियों को साइकिल और बैग फ्री दिया जाएगा। 18 करोड़ रुपए के कथित घोटाले के आरोप के बाद यह समिति सुर्खियों में है। 

    युवक कांग्रेस नेता दीप काकड़े ने कहा कि घोटाले से ध्यान भटकाने और इससे हुई बदनामी का दाग धोने चुनावी लाभ ऊठाने की मंशा से खैरात बांटने की तरकीब सत्ता और प्रशासन ने सोच है।

    महानगरपालिका चुनाव की तैयारियां जोरों पर

    मीरा-भायंदर महानगरपालिका के आगामी आम चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और नगरसेवकों का कार्यकाल इसी महीने की 27 तारीख को खत्म हो रहा है। महिला व बाल कल्याण समिति की चेयरमैन मीरा देवी यादव ने बताया कि उससे पहले 21-22 अगस्त को हम साइकिल और बैग बांट देंगे। समिति के निर्णय के अनुसार, महानगरपालिका विद्यालयों की आठवीं कक्षा की छात्राओं और गैरसरकारी व सरकारी विद्यालयों के 95 फीसदी से अधिक अंक से उत्तीर्ण विद्यार्थियों को साइकिल और 90 फीसदी से अधिक अंक से पास बच्चों को स्कूल बैग मुफ्त में दिया जाएगा।

    शिवसेना ने साधा निशाना

     विपक्ष शिवसेना (उद्धव) के स्थानीय प्रवक्ता शैलेश पांडेय ने कहा कि सत्तापक्ष को गरीब छात्रों की नहीं, बल्कि खुद की फिक्र है। चुनावी लाभ पाने के लिए वह यह फैसला लिया है। अगर उसे सच में गरीबों की परवाह होती तो वह साढ़े सात साल पहले यह काम क्यों नहीं शुरू की, जबकि उनकी महानगरपालिका में सत्ता थी? कोविड से आई आर्थिक मुसीबत के कारण बड़ी संख्या में गरीब बच्चों को इम्तिहान या पासिंग सर्टिफिकेट देने से रोका गया अथवा जाता है या उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया। ऐसे बच्चों की पहले फीस भरी जाए और सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त और बेहतर दवा और उपचार उपलब्ध कराया जाए।

    शहर के पिछड़े, ग्रामीण, आदिवासी क्षेत्र से लंबी दूरी तय कर बच्चे पगडंडियों और उबड़-खाबड़ रास्ते से स्कूल आते हैं। फ्री साइकिल वितरण से उनका स्कूल सफर आरामदायक हो जाएगा।

    -मीरा देवी यादव, चेयरमैन,महिला व बाल कल्याण समिति, मीरा-भायंदर महानगरपालिका

    यह सब चुनावी स्टैंट है, लेकिन अगर गरीब को फायदा मिलता है तो भरपूर ले लेना चाहिए।

    -जुबेर इनामदार, गुट नेता कांग्रेस, मीरा-भायंदर महानगरपालिका

    सुप्रीम कोर्ट ने की थी टिप्पणी

    गौरतलब है कि कई राज्य सरकारें लोकलुभावन घोषणाएं तथा मुफ्त टैब,लैपटॉप,साईकिल,बिजली-पानी आदि खैरात चुनाव से पहले बांट चुके हैं।जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चिंता जाहिर की और इसे गंभीर मसला बताया था। पैसा बुनियादी ढांचों के विकास पर खर्च करने की जरूरत बताई थी। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने इसे आर्थिक आपदा की ओर ले जाने वाला कदम बताया था।