- म्हाडा की योग्यता सुनिश्चित करने की ऑनलाइन योजना हुई फ्लॉप
- योग्यता निश्चित करने सैकड़ो मिल मजदूर पहुंचे मुख्यालय
- वेबसाइट में खामिया, कामगारों ने चुना ऑफलाइन मार्ग
संभाजी आनंद पिसाल ने बताया, मैं यहां सुबह 9:30 बजे से बिना कुछ खाए पिए लाइन में खड़ा हूं। लेकिन अब तक मुझे मेरे कागज पत्र नहीं मिले हैं। हमने ऑनलाइन फॉर्म भरने की भी कोशिश की पर वेबसाइट नहीं चल रही है। सिर्फ एक योग्यता के लिए हमें इतना समय खड़े रहना पड़ रहा है। मेरे घर पर कोई नहीं है, इसलिए मैं खुद इस उम्र में पात्रता के लिए म्हाडा कार्यालय आया हूं।
नथूराम बजरंग यादव (मिल मजदूर) ने बताया, मैं इस पात्रता के लिए सांगली से आया हूं। यदि हम ऑनलाइन फॉर्म भी भरते हैं तो हमें अधिकारी के साइन की जरूरत है, जिसे लेने हमें यहां आना ही पड़ेगा। क्योंकि यह साइन बहुत महत्वपूर्ण है। मैं सुबह 11:00 से लाइन में खड़ा हूं और यह भी नहीं जानता कि मेरा नंबर कब आएगा। साथ ही हमें हमारे यूनियन के लीडर ने ऑफलाइन फॉर्म भरने के लिए कहा है।
बार-बार प्रक्रिया बदल रहा है म्हाडा
प्रवीण घाघ, अध्यक्ष, जिला मजदूर संघर्ष समिति ने कहा, म्हाडा बार-बार प्रक्रिया बदल रहा है और इस बार शुरू किया गया यह ऑनलाइन तरीका सफल नहीं होगा। क्योंकि मिल मजदूरी वरिष्ठ हैं और उन्हें टेक्नोलॉजी का ज्यादा ज्ञान नहीं है। हमने अपने कार्यालय में भी लोगों को फॉर्म भरने के लिए बैठाया था। लेकिन प्रोसेस आगे बढ़ ही नहीं रहा है। उनकी वेबसाइट में तकनीकी खामियां हैं। पहले जो लॉटरी निकालने के बाद योग्यता निश्चित करने का तरीका था वह सही था। लेकिन ये तरीका सही नहीं है। इसका असर दो दिन में ही दिख गया है। हम जल्दी इसको लेकर एक मीटिंग करेंगे।