rohit sharad supriya

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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक और पार्टी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) के पोते रोहित पवार (Rohit Pawar) कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले में धन शोधन (Money Laundering) जांच के संबंध में पूछताछ के लिए बुधवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश हुए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। राकांपा सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) और पार्टी के अन्य नेता जांच एजेंसी के कार्यालय के प्रवेश द्वार तक 38 वर्षीय विधायक रोहित पवार के साथ गए।

विधायक सुबह करीब साढ़े 10 बजे दक्षिण मुंबई के बेलार्ड एस्टेट स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे। जांच एजेंसी के दफ्तर जाने से पहले रोहित पवार पास में स्थित राकांपा कार्यालय गए और शरद पवार से मुलाकात की, उनके पैर छुए और पार्टी के अन्य नेताओं से भी बातचीत की। उन्होंने विधान भवन का भी दौरा किया और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा और भारतीय संविधान की पट्टिका को नमन किया। रोहित पवार के ईडी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले सुले ने उन्हें भारतीय संविधान की एक प्रति सौंपी। सुले ने रोहित पवार को गले लगाया और उन्होंने जांच एजेंसी के कार्यालय में प्रवेश करने से पहले सुले के पैर छुए।

राज्यभर से यहां आए सैकड़ों राकांपा कार्यकर्ता दक्षिण मुंबई स्थित पार्टी कार्यालय में एकत्र हुए। उन्होंने रोहित पवार के समर्थन में नारे लगाए और ईडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। राकांपा कार्यालय में प्रवेश करते समय रोहित पवार ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पहले भी जांच में एजेंसियों के साथ सहयोग किया है और भविष्य में भी ऐसा करेंगे। कर्जत जामखेड से राकांपा विधायक ने कहा, ‘‘अधिकारी अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने जो भी दस्तावेज मांगे हैं, हमने उन्हें दे दिया है। मैं उनके सामने पेश होऊंगा और वे जो भी जानकारी मांग रहे हैं, मैं उन्हें दूंगा।”

महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक धन शोधन मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की अगस्त 2019 की प्राथमिकी से सामने आया है। ईडी ने पांच जनवरी को रोहित पवार के स्वामित्व वाली कंपनी बारामती एग्रो और बारामती, पुणे, औरंगाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर कुछ संबंधित संस्थाओं की तलाशी ली थी। मामला तब दायर किया गया था जब बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सहकारी क्षेत्र की मिलों को फर्जी तरीके से चीनी बेचने के आरोपों की जांच करने का आदेश जारी किया था। यह भी आरोप था कि चीनी को औने-पौने दाम पर बेचा गया था।(एजेंसी)