borivali thane tunnel

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मुंबई: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) का ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream Project) कहे जाने वाले बोरीवली-ठाणे टनेल रोड प्रोजेक्ट (Borivali-Thane Tunnel Road Project) का रास्ता लगभग साफ हो गया है। ठाणे-बोरीवली के बीच संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (Sanjay Gandhi National Park) के नीचे से गुजरने वाले इस नियोजित भूमिगत मार्ग को पर्यावरण से संबंधित मंजूरी के नियमों में ढील दी गई है। इस परियोजना के लिए पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

एमएमआरडीए के माध्यम से होने वाली इस टनेल रोड परियोजना के लिए लगभग 57 हेक्टेयर वन भूमि की आवश्यकता है। इसके लिए औरंगाबाद जिले के फुलुमरी के उमरावती में 60 हेक्टेयर भूमि इस परियोजना से प्रभावित वन भूमि के बदले वैकल्पिक वनरोपण के लिए वन विभाग को दी गई है। इसके साथ परियोजना के सामने आ रही बाधाएं दूर हो गई हैं।

लागत में पांच हजार करोड़ रुपए की वृद्धि

इस परियोजना की लागत अब 11 हजार करोड़ से बढ़कर 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। ठाणे से बोरीवली की दूरी कम करने के लिए राष्ट्रीय उद्यान के नीचे से ठाणे तीन-तीन लेन की दो सबवे टनल का काम बोरीवली के लिए एमएसआरडीसी द्वारा 2015 में प्रस्तावित था। 2020 में प्रोजेक्ट एमएमआरडीए को ट्रांसफर किया गया। राज्य में शिंदे सरकार आने के बाद सलाहकार नियुक्त कर इस योजना पर काम शुरू हुआ। सायलेंट जोन के तहत वन्य जीवों के लिए सरंक्षित क्षेत्र होने की वजह से सुरंग खोदने के लिए ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मशीन्स’ की राय ली गई। इस क्षेत्र में टनल बोरिंग मशीनों की मदद से सुरंग खोदने का निर्णय लिया गया है। जिसमें 10.25 किमी सुरंग और 1.55 किमी लंबी सड़क शामिल है।

उद्यान के अंदर से 11.8 किमी लंबा भूमिगत मार्ग 

संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर से 11.8 किमी लंबा भूमिगत मार्ग होगा। इसमें से करीब 10.8 किमी लंबी जुड़वा सुरंग का निर्माण किया जाएगा। यह सबसे लंबी सुरंग होगी, जो जमीन से 23 मीटर नीचे होगी। एमएमआरडीए को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है। इसमें पहले चरण के लिए एमएमआरडीए के वार्षिक बजट में 3000 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। अब केंद्रीय पर्यावरण विभाग की हरी झंडी भी मिल चुकी है।

कम होगी ठाणे से बोरीवली की दूरी

ठाणे से बोरीवली की दूरी घोड़बंदर के रास्ते 23 किमी है और पीक ऑवर्स के दौरान इस दूरी को कवर करने में सुबह और शाम को एक घंटे से अधिक समय लगता है। नया टनेल रोड बनने पर यह दूरी घट कर लगभग आधी हो जाएगी। इससे मात्र 20 मिनट में ठाणे से बोरीवली पहुंचा जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में चार से पांच साल लगेंगे।