12 घंटे की जगह आठ घंटे की होगी पुलिसकर्मियों की शिफ्ट

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    मुंबई: पिछले कुछ दिनों से मुंबई (Mumbai) में चल रहे धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों विवाद के दौरान घंटो ड्यूटी (Duty ) देने वाले मुंबई पुलिस विभाग (Mumbai Police Department) के निचले स्तर के पुलिसकर्मियों (कॉन्स्टेबल) के लिए एक अच्छी खबर है। मुंबई के पुलिस कमिश्नर संजय पांडे (Police Commissioner Sanjay Pandey) ने एक आदेश जारी करके कॉन्स्टेबलों को एक नई सौगात दी है। 

    संजय पांडे द्वारा जारी आदेश के अनुसार, मुंबई पुलिस कांस्टेबल 17 मई से मौजूदा 12 घंटे के शेड्यूल के मुकाबले अब 8-घंटे की ड्यूटी में काम करेंगे और यह नया आदेश पुलिस कांस्टेबल पद पर कार्यरत पुरुष सदस्यों पर लागू होगा। गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर से ही महाराष्ट्र पुलिस विभाग ने महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के घंटों में कटौती करते हुए 12 घंटे के बजाय आठ घंटे कर दी गयी है, खास बात ये है कि पुलिस कमिश्नर संजय पांडे ने यह आदेश तब दिया है जब वह राज्य के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) थे। 

    ASI और कॉन्टेबल को मिलेगा लाभ

    मुंबई पुलिस कर्मियों के लिए नए आदेश के अनुसार, सहायक सब-इंस्पेक्टर (ASI) और उससे नीचे के रैंक के अधीनस्थ रैंक अभी भी 12 घंटे की शिफ्ट का विकल्प चुन सकते हैं और अगले 24 घंटे की छुट्टी ले सकते हैं, लेकिन इस विकल्प को चुनने वाले पुलिसकर्मी कोई भी साप्ताहिक छुट्टी नहीं ले सकेंगे। यह विकल्प अनिवार्य रूप से उन पुलिसकर्मियों के लिए बनाया गया है जो अपनी पोस्टिंग की जगह से 50 किलोमीटर से ज्यादा दूर रहते हैं। 

    बीमारियों से ग्रस्त पुलिसकर्मियों को सुविधा

    पुलिस के आदेश में यह भी कहा गया है कि 55 वर्ष से अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों और मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर से पीड़ित लोगों के पास आठ घंटे की शिफ्ट या 12 घंटे की ड्यूटी शेड्यूल के बाद 24 घंटे के ब्रेक चुनने का विकल्प होगा। 

    ट्विटर पर यूजर के सवाल, सीपी का जवाब 

    पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के आधिकारिक ट्विटर पर एक यूजर ने सवाल किया कि आप पुलिस का ड्रेस कोड बदल सकते हैं, आप टोपियां बदल सकते हैं, आप काम का अच्छा माहौल दे सकते हैं, आप पीछा करने के लिए अच्छे वाहन दे सकते हैं, आप 8 घंटे की शिफ्ट कर सकते हैं, लेकिन आप विशिष्ट मानसिकता को कैसे बदल रहे हैं, तो संजय पांडे ने भी काफी सरलता से जवाब दिया कि इसके लिए न केवल उनका बल्कि समाज का भी माइंडसेट है जिसे बदलने की जरूरत है।