Sanjay Nirupam

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नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: 
पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए संजय निरुपम को कांग्रेस पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। इसके बाद निरुपम ने आक्रामक तेवर अपना लिया है। उन्होंने गुरुवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस आलाकमान पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी चाटुकारों से घिरे हुए हैं। पूरी पार्टी को जंग लग गया है।  पार्टी नेतृत्व में जबरदस्त अहंकार है। उन्होंने प्रेस वार्ता की शुरुआत में जय श्री राम का नारा दिया। प्रेसवार्ता में उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ़ की है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि कुछ भाजपा नेताओं ने उनका कड़ा विरोध किया है। 

मोदी की तारीफ करते निरुपम 
संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है, अब इतिहास बन गई है। महाविकास आघाड़ी में तीन बीमार इकाइयां शामिल हैं। कांग्रेस में पांच पावर सेंटर हैं। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ऐसे लोगों से घिरे हुए हैं, जिनका जमीनी स्तर से कोई जुड़ाव नहीं है। पार्टी नेतृत्व पुराना और बेकार हो गया है। निरुपम ने कहा कि हमारे देश में सोने के दाम और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। 

उत्तर पश्चिम सीट से ही लड़ेंगे चुनाव
निरुपम ने कहा कि वे चुनाव लड़ेंगे और उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। वे निर्दलीय नहीं बल्कि पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे। फिलहाल मुहूर्त सही नहीं है, इसलिए नवरात्रि का इंतजार कर रहे हैं, जब वे अपनी भविष्य की योजनाओं की घोषणा करेंगे। प्रेस वार्ता के दौरान निरुपम के समर्थक जय श्री राम के नारे लगाते रहे। दरअसल उत्तर पश्चिम मुंबई संसदीय सीट से शिवसेना (ठाकरे गुट) ने अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार घोषित किया है। जिसके चलते निरुपम ने ठाकरे गुट का कड़ा विरोध किया था। निरुपम पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। शिवसेना के गजानन कीर्तिकर के सामने चुनाव हार गए थे। गजानन कीर्तिकर इस समय शिंदे गुट के साथ हैं। 

उम्मीदवारी का आश्वासन नहीं
महायुति में उत्तर पश्चिम मुंबई संसदीय सीट शिंदे गुट के हिस्से में है। निरुपम ने  12 मार्च को सीएम एकनाथ शिंदे और अशोक चव्हाण से लंबी मुलाकात की थी। ये बैठक तीन घंटे तक चली थी। शिंदे गुट के प्रवक्ता संजय शिरसाट के अनुसार अगर निरुपम आते हैं तो उनका स्वागत है। इस संबंध में सीएम शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अंतिम निर्णय लेंगे।  किसी भी पार्टी ने उन्हें उम्मीदवारी का आश्वासन नहीं दिया है। 

भाजपा नेताओं का विरोध
भाजपा के कुछ नेताओं ने निरुपम की जमकर खिलाफत की है। उनका आरोप है कि कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद निरुपम को जय श्री राम याद आ रहे हैं। कांग्रेस में रहते हुए मुंह में राम, बगल में छुरी कहकर वे भाजपा को ताना मारा करते थे। निरुपम को महायुति में नहीं लिया जाना चाहिए। कुछ भाजपा नेताओं ने ट्वीट किया है, जिसमें सीएम शिंदे और डीसीएम फडणवीस को भी टैग किया है। भाजपा नेता मोहित कंबोज ने लिखा है कि निरुपम देनदार हैं, आखिरकार कांग्रेस ने उन्हें बाहर कर दिया। ये वही हैं जिन्होंने 2019 में मोदी जी और बीजेपी की आलोचना की थी। ये वही हैं हैं जो हिंदू विरोधी हैं और उन्होंने मुंबई में बीफ पार्टी का आयोजन किया था। अब वह जहां भी जाएंगे देनदारी ही होगी। मैं आखिरी दम तक उनका विरोध करूंगा। 

4 जून के बाद जमीन खिसकती हुई महसूस होगी
मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष निरुपम ने दावा किया कि जो लोग अपना राजनीतिक मृत्युलेख लिखना चाहते हैं उन्हें 4 जून के बाद अपनी जमीन खिसकती हुई महसूस होगी। उन्होंने जनता के बीच जो कहा था, वह कांग्रेस के खिलाफ नहीं था बल्कि वह पार्टी से शिवसेना (ठाकरे गुट) के सामने आत्मसमर्पण नहीं करने को कह रहे थे। धर्मनिरपेक्षता का मतलब अपने धर्म की अवहेलना करना नहीं है। नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता, जो धर्म का विरोध करती थी और वामपंथियों के प्रभाव में थी, समाप्त हो चुकी है।