राज्य मानवाधिकार आयोग ने पुलिस और MBMC कमिश्नर को जारी किया समन, जानें क्या है पूरा मामला

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    भायंदर: संपत्ति कर (Property Tax) वसूली के लिए पानी कनेक्शन कटाने (Water Connection Cut) को राज्य मानवाधिकार आयोग (State Human Right Commission) ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने समन भेजकर मीरा-भायंदर महानगरपालिका कमिश्नर (Mira-Bhayander Municipal Commissioner) और पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner) का जबाव तलब किया है। इंद्रलोक (भायंदर) निवासी एड. मुकेश शर्मा (Ad. Mukesh Sharma) ने आयोग के पास शिकायत की थी।

    शर्मा ने कहा कि पेयजल हर नागरिक का मूलभूत संवैधानिक और प्राकृतिक अधिकार और जीवनावश्यक जरूरत है। उससे उसे कोई वंचित नहीं कर सकता है। बावजूद इसके मीरा-भायंदर महानगरपालिका संपति कर की वसूली के लिए पानी कनेक्शन काट रही है। इससे पहले नोटिस तक नहीं देती है। उसकी कार्रवाई पूरी तरह गैरकानूनी होती है। 

    मुंबई हाईकोर्ट ने बीएमसी को लगाई थी फटकार

    साल 2002 में मुंबई हाईकोर्ट ने ओशिवारा की एक वाणिज्यिक इमारत का पानी कनेक्शन काटने पर मुंबई महानगरपालिका को फटकार लगाई थी और पानी कनेक्शन जोड़ने को कहा था। 119 सदस्यों वाली उस इमारत का 2.65 करोड़ रुपए संपति कर बकाया था।

    15 मार्च तक जबाव देने का आदेश 

    शर्मा ने कहा कि उनके संज्ञान में आया कि कुछ एक फ्लैट्स का संपति कर बकाया होने के चलते मीरा- भायंदर महानगपपालिका पूरे सोसाइटी का पानी कनेक्शन काट रही है। कुछ सदस्यों पर बकाया की सजा इमारत के सभी सदस्यों को दी जाती है, जबकि उनका टैक्स भरा जा चुका होता है। यह निर्दोष को सजा देने जैसी बात है और एक तरह से हफ्ता वसूली भी है। इस संबन्ध में कोई आदेश या कानून होने के बारे में उन्होंने महानगरपालिका कमिश्नर और अधिकारियों से सवाल किया तो उन्हें कोई उनसे जबाव नहीं मिला। पुलिस से शिकायत की तो उसने महानगरपालिका के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद वे आयोग के पास गए ।आयोग ने समन में 15 मार्च तक महानगरपालिका कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को जबाव देने का आदेश दिया है।