मुंबई: देश की रक्षा जरूरतों को देखते हुए भारतीय नौसेना (Indian Navy) को आधुनिक युद्धपोतों से लैस करने की प्रक्रिया के तहत दो युद्धपोतों का लोकार्पण किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने मझगांव डॉक (Mazagon Dock) पर भारतीय नौसेना के अग्रिम पंक्ति के स्वदेश निर्मित दो युद्धपोतों, आईएनएस सूरत (INS Surat) और आईएनएस उदयगिरी (INS Udayagiri) का एक समारोह में जलावतरण किया।
प्रोजेक्ट 15-बी श्रेणी के दोनों युद्धपोत भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी के स्टेल्थ (रडार को चकमा देने में सक्षम) निर्देशित मिसाइल विध्वंसक हैं। इंडियन नेवी में इन दो विध्वंसक युद्धपोतों के शामिल होने से भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में बड़ा इजाफा हो गया है।
स्वदेश निर्मित युद्धपोत तकनीक से लैस
मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) के एक अधिकारी ने बताया कि पहली बार स्वदेश निर्मित दो अत्याधुनिक युद्धपोतों का जलावतरण किया गया है। एमडीएल, प्रमुख जहाज एवं पनडुब्बी निर्माण करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनी है। नौसेना के अनुसार जहाज ‘सूरत’ प्रोजेक्ट 15-बी कार्यक्रम के तहत बनने वाला चौथा और अंतिम विध्वंसक पोत है, जिसमें रडार को चकमा देने की प्रणाली है। यह पी-15-ए (कोलकाता श्रेणी) विध्वंसक के एक महत्वपूर्ण बदलाव का परिचायक है। गुजरात की वाणिज्यिक राजधानी और मुंबई के बाद पश्चिमी भारत के दूसरे सबसे बड़े वाणिज्यिक केंद्र सूरत शहर के नाम पर इसका नाम रखा गया है।
रडार को चकमा देने में सक्षम
प्रोजेक्ट 15-बी श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी के स्टेल्थ (रडार को चकमा देने में सक्षम) निर्देशित मिसाइल विध्वंसक हैं, जिन्हें मुंबई में मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में बनाया जा रहा है। दूसरा युद्धपोत उदयगिरि प्रोजेक्ट 17-ए फ्रिगेट कार्यक्रम का हिस्सा है। उदयगिरि पोत का नाम आंध्र प्रदेश की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। यह प्रोजेक्ट 17-ए फ्रिगेट्स के तहत तीसरा पोत है। यह पी-17 फ्रिगेट (शिवालिक श्रेणी) का उन्नत संस्करण है, जो बेहतर हथियार, सेंसर और मंच प्रबंधन प्रणाली से लैस है। इन 15-बी और पी-17-ए दोनों जहाजों का डिजाइन नौसेना के डिजाइन निदेशालय द्वारा तैयार किया गया है।