Supreme court
सुप्रीम कोर्ट (File Photo)

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    मुंबई: एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच शुरू लड़ाई सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। रविवार को शिंदे गुट ने सर्वोच्च न्यायालय में दो याचिका दायर की है। पहली याचिका विधानसभा उपाध्यक्ष से मिले नोटिस के खिलाफ दायर की गई है। वहीं दूसरी अशोक चौधरी को ऊपरी सदन में शिवसेना का नेता सदन बनाए जाने को लेकर दी गई है। शिंदे और भरत गोगावले ने अलग-अलग याचिका लगाई है। 

    अयोग्यता के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेगा। यह सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत की बेंच में सुनवाई होगी।  याचिका में कहा गया है कि नोटिस के बाद उन्हें और उनके अन्य सहयोगियों को रोज धमकियां मिल रही हैं. उनके जीवन पर खतरा है। याचिका में आगे कहा गया है कि दूसरे पक्ष (शिवसेना) ने न केवल उनके आवास/परिवार के सदस्यों से सुरक्षा वापस ले ली है, बल्कि बार-बार पार्टी कार्यकर्ताओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है। याचिका में यह भी कहा गया है कि याचिकाकर्ता के कुछ सहयोगियों की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। उनकी जान को गंभीर खतरा है।

    ज्ञात हो कि, शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की याचिका डाली है। जिस पर सुनवाई करते हुए उपाध्यक्ष ने नरहरि जिरवाल ने बागियों को नोटिस भेजा और दो दिन के अंदर जवाब देने को कहा है। वहीं शिंदे के बागी होने के बाद उद्धव ठाकरे ने उनकी जगह अजय चौधरी को नेता सदन बनाया था।

    राज्यपाल ने केंद्रीय सचिव को लिखी चिट्ठी 

    महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने बागी विधायकों और उनके परिवार के लोगों को सुरक्षा देने के लिए राज्य डीजीपी को भी पत्र लिख कर बागियों के परिवारवालों को सुरक्षा देने को कहा है। इसी के साथ उन्होंने डीजीपी पर अपनी नाराजगी भी जताई है। राज्यपाल ने पत्र में लिखा, सभी की सुरक्षा के उपलब्ध कराने को कहा था, लेकिन इसके बाद ही उनके घरों और कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई। इसी के साथ उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने जरुरत पड़ने पर केंद्रीय बलों की तैनात करने की मांग की है।