मुंबईकरों की जेब पर बढ़े हुए टोल की मार, जानिए 1 OCT कितना बढ़ रहा है टोल

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मुंबई: मुंबई में बढ़े हुए टोल टैक्स की मार अब मुंबईकरों के जेब पर पड़ने वाली है 1 अक्टूबर 2023 टोल टैक्स में इजाफा होने वाला है। जिसकी वजह से वाहन लेकर मुंबई में प्रवेश और मुंबई से बाहर जाना महंगा हो गया है। मुंबई और आसपास के इलाकों में मौजूद टोल नाकों पर वाहनचालकों को अधिक टोल चुकाना होगा। मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों में बनाए गए फ्लाई ओवर ब्रिज (उड़ान पुल) के निर्माण की लागत और उसकी मरम्मत का खर्च निकालने के लिए वर्ष 2002 में मुंबई के 5 प्रवेश द्वारों दहिसर, वाशी, एरोली, मुलुंड ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और मुलुंड एलबीएस मार्ग पर टोल वसूलने के नाका की शुरुआत की गई थी। 
 
अब देना होगा बढ़ा हुआ टोल
वर्ष 2020 के सितंबर माह में 6 वर्षों के अंतराल पर टोल दरों में संशोधन की गई थी। 1 अक्टूबर 2020 में संशोधित टोल दरों को लागू किया गया था। वर्ष 2020 के महाराष्ट्र सरकार की अधिसूचना में टोल दरों में प्रति 3 वर्ष बाद संशोधन करने का उल्लेख किया गया था। उस अधिसूचना के अनुसार 1 अक्तूबर 2023 से टोल के दरों में वृद्धि की गई है, क्योंकि 30 सितंबर 2023 को टोल दर के संशोधन को 3 वर्ष पूर्ण हो गया हैं। आज से जो टोल  टैक्स की जो नई दर लागू की गई है। वह दर अब अगले 3 वर्ष यानी 30 सितंबर 2026 तक लागू रहेंगी।
 
मुंबई में आने और मुंबई से जाने वाली वाहनों से दहिसर, वाशी, एरोली, मुलुंड ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे , मुलुंड एलबीएस मार्ग टोल नाकों पर आज से लागू दर

1) कार, जीप, टाटा सूमो, कमांडर  45/-
2) मिनी बस ,एल सी वी,           75/-
3) ट्रक, बस                          150/-
4) भारी वाहन                        190/-

कार – जीप का मासिक पास (सिर्फ एक टोल नाका के लिए) 1410 रुपए
पांच टोल नाका के लिए 1600 रुपए

 

मिनी बस/एल. सीवी, ट्रक/बस, भारी वाहन (एच.एम.वी.) वाहन धारकों ने, यदि किसी वाहन के टोल टैक्स के भुगतान के लिए अग्रिम रूप से 50 या 100 कूपन के साथ रोड टैक्स पुस्तिका खरीदी होगी तो उन्हें उस वाहन के लिए टोल टैक्स में क्रमशः 25 प्रतिशत और  50% छूट दी जाएगी।

बढे हुए टोल से नाराज़ हैं लोग
बढे हुए टोल से नाराज़ लोगों का कहना है कि सरकार सड़क की क्वालिटी, ट्रैफिक जाम की समस्या में तो सुधार कर नहीं रही। ट्रैफिक की वजह से लोग समय पर अपने ऑफिस, कंपनी में नहीं पहुंच पाते, जिसका असर उनके काम पर पड़ता है, वो जहां कार्य कर रहे वहां के विकास पर असर पड़ता है। बांद्रा-वर्ली सी लिंक रोड पर टोल देने में लोग नहीं हिचकते, क्योंकि वहां समय की बचत होती है, सड़क दुरुस्त है। जबकि मुंबई के प्रवेश द्वारों पर टोल की वजह से घंटो ट्रैफिक जाम होती है। टोल  के अलावा मुंबई में हर जगह “पे एंड पार्किंग शुल्क अदा करना पड़ता है।यह सब वाहन धारकों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ है। मुंबई शहर को टोल मुक्त किया जाना चाहिए।