Mumbai AC local trains have began operations on Harbor line too from December 1, there will be 12 services daily
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    मुंबई: गुडी पाड़वा के मौके से जब से मेट्रो 7 और 2A (Metro 2A and 7) दौड़ने लगी है तबसे मुंबईकरों को इसका किराया और भी चुभने लगा है। लोगों ने फिर से एक बार एसी लोकल का किराया घटाकर मेट्रो ट्रेनों के आसपास करने की मांग उठानी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि जब मेट्रो ट्रेन और इसके स्टेशनों में लोकल ट्रेनों से ज्यादा सुख सुविधाएँ हैं और उसका किराया 10 रुपए से शुरू हो रहा है तो एसी लोकल का मिनिमम किराया 65 रुपया क्यों? 

    गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने मुंबई में एसी लोकल ट्रेनों का अधिकतम किराया 220 रुपए से घटाकर 80 रुपए करने की योजना बनाई है और इसके तहत 5 किलोमीटर की दूरी तक का किराया भी 65 रुपए से घटाकर 10 रुपए किए जाने की उम्मीद है। पर इसमें हो रही देरी से कई सवाल उठने लगे हैं और यात्रियों ने पूछा है कि आखिर में इस पर फैसला कब होगा। हालांकि इस रेलवे ने जल्द ही कोई फैसला लेने की बात फिर से दोहराई है।

    रेल मंत्री को फिर लिखा गया पत्र 

    एसी लोकल का किराया घटाने की मांग को रेलवे पैसेंजर्स एसोसिएशन काफी पहले से उठाते आ रहे हैं। रेलवे के मामलों के एक्सपर्ट और पूर्व DRUCC मेम्बर राजीव सिंगल का कहना है कि कई चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने रेलवे से बार एसी लोकल का किराया घटाने की मांग पिछले दो साल से लगातार हर फोरम में उठाई है। फिर भी पता नहीं क्यों  रेलवे कोई डिसीजन नहीं ले  पा रही है और यह रेलवे की विफलता है। रेल मंत्रालय को एक पत्र लिखकर सिंगल ने बताया है कि रेलवे को किराए में कटौती के अलावा एसी लोकल ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ानी होगी, क्योंकि जब तक रेलवे यात्रियों के हित में कोई अच्छा फैसला नहीं लेती है तब तक एसी लोकल सूनी-सूनी ही चलती रहेगी। याद रहे कि हाल ही में हुए एक सर्वे में पाया गया था कि 80 फीसदी मुंबईकर किसी न किसी रूप में सेमी एसी लोकल के लिए तैयार थे।

    65 रुपए से लेकर 220 रुपए AC लोकल का किराया

    एसी लोकल में एकल टिकट यात्रा का किराया एमएमआरडीए द्वारा चलाई जाने वाली मुंबई मेट्रो की तर्ज पर करने को लेकर मांग उठाई गई है और समान किराए की एक सूची तैयार कर मंत्रालय को भेज दी गई है। रेलवे की मंजूरी के बाद ट्रेन किराये में भारी कमी आ जाएगी। वर्तमान में यात्रियों को इसके लिए 65 रुपए से लेकर 220 रुपए तक चुकाने पड़ते हैं। फिलहाल चर्चगेट से मुंबई सेंट्रल तक सामान्य श्रेणी में लोकल का किराया 5 रुपए है, लेकिन एसी लोकल में 65 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। यात्रियों की मांग है कि इतनी ही दूरी के लिए एसी लोकल का किराया भी 15 से 20 रुपए ही होना चाहिए। गौरतलब है कि रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे भी कह चुके हैं कि जल्द ही इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जायेगा। खुद रेलवे का मानना है कि मुंबई मेट्रो के चार्ज के बराबर एसी लोकल का किराया तय करने से यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा। मुंबई मेट्रो में स्टेशनों के बीच किराया संरचना है, जिसमें दो स्टेशनों के लिए 20 रुपए और चार स्टेशनों के लिए 40 रुपए शामिल हैं। इससे रेलवे को उम्मीद है कि इस परियोजना से वर्तमान में हो रहे वित्तीय नुकसान को कम किया जा सकेगा।

    एसी लोकल खाली दौड़ रही है। इसमें पैसेंजर्स से ज्यादा टीसी यात्रा करते हैं और यह यह केंद्र सरकार की घोर असफलता है। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार मुंबईकरों को राहत देने के लिए फ़ौरन दखल दे। फर्स्ट क्लास के टिकट और पास होल्डर्स को एसी में चलने की तुरंत अनुमति दे दी जानी चाहिए। इससे लोकल के यात्री धीरे धीरे एसी लोकल में शिफ्ट हो जायेंगे।

    - राजीव सिंगल, पूर्व DRUCC सदस्य

    रेलवे का किराया फिक्स करने का मौजूदा फार्मूला सदियों पुराना है। इसे जितनी जल्दी सुधारा जाए उतना ही अच्छा है। रेलवे चाहे तो सीजन टिकट के किराए को 25 प्रतिशत बढ़ा दे और सिंगल टिकट में उतना ही कम कर दें क्योंकि सीजन टिकट, सिंगल टिकट का एक तिहाई हो जाता है। एसी का किराया फर्स्ट क्लास के बराबर होना ही चाहिए। सेकंड क्लास का भी किराया बढ़ाया जा सकता है।

    - अशोक दातार, ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट