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    मुंबई: महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज और समाज सुधारक महात्मा फुले तथा सावित्रीबाई फुले के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को हटाने की मांग की।

    एमवीए के घटक दलों शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने राज्यपाल की टिप्पणी तथा अन्य मुद्दों को लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ अपने ‘हल्ला बोल’ प्रदर्शन के खत्म होने पर आयोजित रैली में यह मांग की।

    राकांपा प्रमुख शरद पवार, पार्टी नेता अजित पवार, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) में आयोजित रैली को संबोधित किया। रैली का समापन सीएसएमटी में हुआ। पैदल मार्च दोपहर के करीब भायखला में जे जे अस्पताल के पास एक कंपनी से शुरू हुआ था।

    इस अवसर पर अजित पवार ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र को बचाने के लिए राज्यपाल को हटाना चाहिए।” शरद पवार ने कहा कि राज्य की राष्ट्रीय हस्तियों का अपमान करने के लिए केंद्र को राज्यपाल कोश्यारी को हटाना चाहिए। ठाकरे ने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार वैचारिक रूप से दिवालिया हो गई है। कोश्यारी द्वारा छत्रपति शिवाजी को ‘‘पुराने समय का आदर्श” कहे जाने के बाद राज्य में एक बड़ा सियासी तूफान खड़ा हो गया, जिससे उन्हें वापस बुलाने की मांग उठी।