नागपुर. जनरेटर में बाल फंसने से गंभीर रूप से घायल हुई कामठी की 10 वर्षीय बालिका की हालत अब स्थिर बनी है. मेडिकल के ट्रामा सेंटर में उपचार के बाद परिजनों ने भी राहत की सांस ली है. बालिका के बाल जड़ से निकलने की वजह से डॉक्टरों ने भविष्य में प्राकृतिक तौर पर नये बाल आने की संभावना से इनकार किया है. इस हालत में आर्टिफिशियल तरीके से बाल लगाने का एक विकल्प बचा है.
कामठी के वैष्णवदेवीनगर परिसर में रहने वाली बालिक खेलते वक्त जनरेटर पर जाकर गिरी. तभी जनरेटर के पट्टे में उसका सिर आ गया और तेज गति से चल रहे पट्टे में सिर फंस गया. पट्टे ने तुरंत बाल और ऊपर की त्वचा को खींच लिया. उसे तुरंत मेडिकल के ट्रामा केयर सेंटर में भर्ती किया किया गया. डॉक्टरों ने तत्काल उपचार शुरू किया. प्लास्टिक सर्जरी विभाग को पहले ही अवगत करा दिया गया. डॉक्टरों ने बताया कि उसके बाल सहित त्वचा बाहर निकल आई है.
इस हालत में त्वचा को मूल जगह पर जोड़ पाना संभव नहीं होगा. यही वजह है कि बालिका के बाल प्राकृतिक तरीके से उग आना मुश्किल लग रहा है. इसके बावजूद डॉक्टरों ने सभी प्रयास करने का भरोसा परिजनों को दिलाया है. अब तबीयत में सुधार होने के बाद उसकी जांच की त्वचा को सिर पर प्रत्यारोपित किया जाएगा.
बालिका की उम्र कम होने से भविष्य में कृत्रिम बाल लगाने का पर्याय बचा हुआ है. अचानक हुई इस घटना से परिजनों गहरे सदमे में है. फिलहाल ट्रामा केयर सेंटर के सभी डॉक्टर और नर्स बालिका की देखभाल में लगे हुये हैं. डॉक्टरों के लिए भी यह अपने तरीके का नया मामला है. भविष्य में यह मामला अध्ययन के लिए भी उपयोगी साबित हो सकता है.