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    नागपुर. जिला परिषद में विद्यमान सदस्यों के पूर्व के कार्यकाल में रहे सदस्यों में से 26 सदस्यों ने 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें दिये गए टैब नहीं लौटाए हैं. जिप प्रशासन इन सदस्यों से टैब वापस लेने के लिए कोई कड़े कदम भी नहीं उठा रहा है. दरअसल, सरकारी सम्पत्ति को अपनी सम्पत्ति समझने की मानसिकता वाले कुछ पुराने जिला परिषद सदस्यों ने उन्हें दिए गए टैब अब तक नहीं लौटाए हैं. जबकि उनका कार्यकाल 2 वर्ष पहले की खत्म हो चुका है. 40 हजार रुपये की लागत वाले 26 टैब की कीमत ही 10.40 लाख रुपये होती है और आश्चर्य की बात यह भी है कि 10.40 लाख रुपयों के टैब का कब्जा लेने में जिप प्रशासन भी अब तक असमर्थ रहा है. राजनीतिक दबाव के चलते अधिकारी भी किसी तरह का कड़ा कदम उठाने से झिझक रहे हैं.

    सदस्यों को हाईटेक करने का उद्देश्य

    बताते चलें कि कृषि व जल संधारण योजनाओं की जानकारी ग्रामीण भागों तक पहुंचाने के उद्देश्य से जिला परिषद के सदस्यों को हाईटेक तकनीक वाले टैबलेट का वितरण किया गया था. यह वितरण भाजपा की सत्ता के समय जिला परिषद के पदाधिकारियों व सदस्यों को हुआ था जिसमें सभी पार्टियों के सदस्यों का समावेश था. उनका कार्यकाल समाप्त होने पर टैब जिप प्रशासन को वापस लौटाना था. 58 टैब का वितरण हुआ था और जब कार्यकाल समाप्त हुआ और चुनाव हुए तो सत्ता भी बदल गई.

    तात्कालीन सदस्यों में से 32 ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए टैब वापस कर दिये लेकिन 26 तात्कालीन सदस्य ऐसे हैं जिन्होंने जिप की सम्पत्ति को अपनी सम्पत्ति समझकर 2 वर्षों में भी टैब नहीं लौटाए हैं. जिन सदस्यों ने टैब बार-बार कहने के बाद भी नहीं लौटाया है उन पर किस तरह की कार्रवाई की जा सकता है इस पर भी चर्चा होगी.