Ajit Pawar
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार

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  • विपक्ष ने अजित पर लगाया सत्ता के मद में चूर होने का आरोप  
  • नाना पटोले बोले, शिक्षा व्यवस्था का अपमान

नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
नागपुर: अजित पवार (Ajit Pawar) अपने एक और बयान (Statement) को लेकर विवादों में  फंस गए हैं। नागपुर में चल रहे विधान मंडल (House) के शीतकालीन सत्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा चल रही है।  विधान परिषद में कांग्रेस समूह के नेता सतेज बंटी पाटिल (Satej Patil) ने सारथी (Sarthi) के माध्यम से पीएचडी (PhD) के लिए छात्रों को फेलोशिप (Fellowship) दिए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि केवल 200 छात्रों को ही छात्रवृत्ति दी जाएगी। पाटिल ने इस संख्या को बढ़ाने की मांग की। इसके जवाब में अजित पवार ने तंज कसते हुए कहा कि आखिर युवा पीएचडी करके कौन सा दीया जलाने जा रहे हैं। आसान भाषा में कहें तो पीएचडी कर युवा कौन सा तीर मार लेंगे। अब उनके इस बयान को लेकर विपक्ष ने हमला बोल दिया है। 

अजित पवार पर सत्ता की मस्ती
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बयान की खबर लेते हुए कहा कि इस बयान से साफ़ है कि उन पर सत्ता की मस्ती चढ़ी हुई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा हम सबका अधिकार है। राज्य में शाहू, फुले, आंबेडकर ने शिक्षा के विकास के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया। इस वजह से महिलाएं भी शिक्षा के माध्यम से देश की प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और बड़े अधिकारी के पदों पर आसीन हो सकी। ऐसे में अजित पवार का बयान छात्रों के अपमान के साथ-साथ शिक्षा प्रणाली के खिलाफ है। 

पीएम ने कहा पकौड़े तलो
उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने अजित के बयान पर सिर्फ एक लाइन में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही पढ़े-लिखे युवाओं को पकौड़े तलने की सलाह दी है। ऐसे में अगर डिप्टी सीएम इस तरह का बयान दे रहे हैं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। 

छात्रों पर संदेह करना उचित नहीं
अजित पवार के भतीजे और राकां विधायक रोहित पवार ने कहा कि किसी को भी युवक की काबिलियत पर संदेह नहीं करना चाहिए। जिन युवाओं में क्षमता और बुद्धि है लेकिन पैसा नहीं है। ऐसे छात्र सरकारी छात्रवृत्ति पर पढ़ाई करते हैं। रोहित ने कहा कि मैं इस तरह के बयान की निंदा करता हूं। 

कोल्हापुर में छात्रों का विरोध
विधान परिषद में दिए गए इस बयान के कारण अजित पवार सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगे हैं। 

पीएचडी छात्रों ने उनके खिलाफ गुस्से का इज़हार किया। कोल्हापुर समेत कई अन्य शहरों के छात्रों ने डिप्टी सीएम के इस बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक छात्र ने कहा कि राज्य के उपमुख्यमंत्री का इस तरह बयान देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह हम सभी शोध करने वाले छात्रों का अपमान है।