रोहित पवार
रोहित पवार

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मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में कब क्या हो जाये यह कोई नहीं बता सकता। कुछ ऐसी ही एक चौंका देने वाली जानकारी समाने आई है। दरअसल कल विधान सभा में रोहित पवार (Rohit Pawar) ने कहा है कि उन्होंने अजित पवार को विपक्ष का नेता बनाने के पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन रोहित पवार ने खुलासा किया है कि इस चिट्ठी का इस्तेमाल किसी और वजह से किया गया था। रोहित पवार ने आलोचना की है कि अगर इस पत्र का इस्तेमाल किसी और वजह से किया जाता है तो यह एक तरह की चोरी है। रोहित पवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीती में माहौल गरमाया हुआ है।

रोहित पवार का खुलासा 

रोहित पवार ने कहा, अजितदादा को विपक्षी पार्टी बनाने के लिए मैंने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन इस पत्र का इस्तेमाल किसी और वजह से किया गया। एक और पत्र था जिस पर कई लोगों के हस्ताक्षर थे, कोई नहीं जानता था कि यह किस बारे में था। मैंने इस पर हस्ताक्षर भी नहीं किये

मुझ पर आरोप लगाने वालों  को देखे को वह किस हद तक गिर सकते है। हमने विपक्ष के नेता बनने के लिए इस पर हस्ताक्षर किया था, लेकिन पत्र का इस्तेमाल किसी और के लिए किया गया था, इसलिए यह एक प्रकार की चोरी है, उन्हें यह बताना चाहिए कि पत्र कोनसा है।

रोहित पवार का सवाल 

रोहित पवार ने कहा  मुख्यमंत्री छत्रपति शिवाजी महाराज की शपथ लेकर कुछ और कहते हैं, फड़णवीस कुछ और कहते हैं। अलग-अलग बातें कहने वाले केसरकर, भुजबल, विखे के बीच का भ्रम दूर करना होगा, उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। सरकार को इस सत्र में अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। क्या राज्य सरकार इस आरक्षण को लागू करेगी? हमें पता होना चाहिए कि हमें केंद्र के पास जाना है। 

भ्रम पैदा न करें

आगे बात करते हुए रोहित पवार ने कहा, जब आप मंत्री हों, संवैधानिक पद पर हों तो आप कैबिनेट में चर्चा कर सकते हैं। फिर आप ऐसे क्यों बात करते हैं मानो आप कोई समाज सुधारक हों, कोई विरोधी हों। लोगों के बीच भ्रम पैदा न करें। अपराधों पर लगाम लगाना गृह मंत्री के हाथ में है। हमारे समय में अनिल देशमुख ने ऐसा किया। अगर फड़नवीस अपनी बात नहीं रखते तो इसका मतलब क्या है? बीड में आम परिवारों के साथ हो रहे अन्याय का इलाज क्या है? ये सवाल रोहित पवार नेपूछा है। ऐसे में अब सत्ता धरी पक्ष की ओर से इस पर क्या बयान आता है। यह देखने लायक होगा।