महाराष्ट्र: फोन टैपिंग मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष पर भड़के अजित पवार, कहा- ‘आप सरकार का कर रहे समर्थन’

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    नागपुर: महाराष्ट्र (Maharashtra Winter Session 2022) के शीतकालीन सत्र के दौरान कई अलग अलग मुद्दों पर सरकार पर निशाना साधने के लिए विपक्ष आक्रामक हो गए है। कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने आज विधानसभा शुरू होने के बाद फोन टैपिंग (Phone Tapping Case) का मुद्दा उठाया। रश्मि शुक्ला के खिलाफ अपराध की जांच बंद करने संबंधी रिपोर्ट को कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद से यह मामला चर्चा में आ गया है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। अध्यक्ष विरोध में विपक्ष नारेबाजी करते हुए बैठक से निकल गया। इससे पहले विपक्ष के नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने अध्यक्ष पर राज्य सरकार को समर्थन देने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

    फोन टैपिंग (Phone Tapping Case) का मुद्दा सदन में उठाते हुए अजित पवार ने अध्यक्ष से सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करने की अपील की। उन्होंने कहा, “कुछ सदस्य हैं, कुछ मंत्री, उप मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष हैं। इस सरकार के पिछले कार्यकाल में एक बात सामने आई कि, तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व सदन के सदस्य नाना पटोले, राज्य के पूर्व मंत्री बच्चू कडू, पूर्व सांसद संजय काकड़े, पूर्व विधायक आशीष देशमुख, पूर्व सांसद संजय राउत, एकनाथ खडसे आदि के बिना कोई कारण उनके फोन टैप किए गए। उनसे पूछताछ की गई। उस वक्त गौर किया गया कि इसमें एक जिम्मेदार वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। अजित पवार ने कहा कि उनका नाम रश्मि शुक्ला है।”

    अजित पवार (Ajit Pawar) ने विधानसभा अध्यक्ष को सवाल पूछते हुए कहा, “रश्मि शुक्ला किसके आदेश पर फोन टैप कर रही थी? इसका केस चल रहा था। क्या मौजूदा सरकार को डर था कि मास्टरमाइंड बेनकाब हो जाएगा? भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम का उल्लंघन किया गया था। विधि मंडल के सदस्यों की स्वतंत्रता पर सवाल उठाया गया था। क्या यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक नहीं है? ऐसे अधिकारी का समर्थन क्यों किया जाता है? अंतत: उस जांच को रोकने का प्रयास किया गया। हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस तरह आप केस वापस नहीं ले सकते। अध्यक्ष महोदय, क्या चल रहा है?”

    अजित पवार (Ajit Pawar) ने आगे कहा, “ये घटनाएं हाल के दिनों में लगातार हो रही हैं। हमारा काम सदस्यों की हर तरह से रक्षा करना है। अगर हमारा इस तरह अपमान हो रहा है तो हम इस मामले में कैसे आगे बढ़ेंगे? हम खुद का नहीं बताते। हम भी सरकार में थे। क्या हमने उनके फोन टैपिंग का आदेश दिया था?”

    इस बीच, जैसे ही अध्यक्ष ने चर्चा की मांग को खारिज कर दिया, विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। इस दौरान अजित पवार ने कहा, “विधानसभा के अध्यक्ष के पास एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करने का अधिकार है। यह इतना महत्वपूर्ण मामला है, लेकिन, आप अपने अधिकारों का उपयोग करके आप सही है यह बताते की कोशिश कर रहे हैं और आप इस सरकार का समर्थन करने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसका विरोध करने के लिए बाहर चले जाते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आप सबको न्याय देंगे।”