छत्रपति संभाजी महाराज को लेकर बयान देने पर मुश्किल में फंसे अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस ने जमकर सुनाई खरी खोटी

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    नागपुर: महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Maharashtra Assembly Winter Session) समाप्त हो गया है। इस अधिवेशन में देखने को मिला कि सत्ता पक्ष और विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर आमने-सामने आ गए। इसमें एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) के विधानसभा में दिए गए एक बयान से नया विवाद खड़ा होने की संभावना है। बीजेपी नेता और शिंदे गुट के नेता इसे लेकर आक्रामक हो गए हैं और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने अजित पवार को खरी खोटी सुनाई है।

    अजित पवार (Ajit Pawar) ने विधानसभा में कहा, हम महाराष्ट्र में रहते हैं और यहां अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं दिया जाता है। उन्होंने यह भी मांग की कि मुख्यमंत्री कम से कम स्वराजरक्षक छत्रपति संभाजी महाराज की जयंती पर ‘बाल शौर्य उपस्कर’ की घोषणा करें। छत्रपति संभाजी महाराज धर्मवीर नहीं, स्वराजरक्षक थे। अजित पवार ने साफ शब्दों में कहा कि उन्होंने कभी धर्म की वकालत नहीं की। अजीत पवार ने यह भी कहा कि संभाजी महाराज का उल्लेख स्वराजरक्षक के रूप में किया जाना चाहिए। इसको लेकर अजित पवार की आलोचना हो रही है। वहीं, अब देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को जवाब दिया है।

    देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा, छत्रपति संभाजी महाराज ने धर्म की रक्षा की। धर्म, स्वधर्म और हिन्दू धर्म की रक्षा की। औरंगजेब ने उन्हें क्यों मारा? संभाजी महाराज को धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने स्वदेश, स्वभूमि और स्वधर्म के लिए अपना बलिदान कर दिया। उसका शरीर सचमुच टुकड़ों में काटा गया था। हालाँकि, छत्रपति संभाजी महाराज ने स्वधर्म, स्वराष्ट्र की भाषा नहीं छोड़ी।’ देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इसलिए, ‘अजित पवार और उनके समान विचारधारा वाले लोग चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, छत्रपति संभाजी महाराज न केवल स्वराजरक्षक थे, बल्कि एक धर्मवीर भी थे।’

    फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने आगे कहा, शिंदे के नेतृत्व में सरकार ने महाराष्ट्र के प्रशासन पर छाए संक्रमण को दूर करने का काम किया है। सरकार-प्रशासन अब अच्छे से काम कर रहा है और कई अच्छे फैसले लिए गए हैं। फडणवीस ने आगे शरद पवार पर पलटवार करते हुए कहा कि, साल 2023 में हमारी सरकार 2023 में महाराष्ट्र को तेजी से विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए काम करेगी। शरद पवार को कुछ भी कहने से पहले अनिल देशमुख की जमानत के संबंध में अदालत के आदेश को पढ़ना चाहिए। फिर नैरेटिव सेट करने की कोशिश करें, तब आपको एहसास होगा कि कोर्ट ने क्या कहा है।