Nagpur ST Bus Stand

  • यात्रियों को नहीं मिल रहा कोई फायदा

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नागपुर. रक्षाबंधन का पर्व अब पांच दिन दूर है. इसे मनाने के लिए लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं. इसलिए अब  बसों में भीड़ भी बढ़ने लगी है. जून महीने में केन्द्र सरकार ने पेट्रोल के रेट में 8 रुपए और डीजल के दामों में 6 रुपए की कटौती की थी लेकिन इसका फायदा आम यात्रियों को नहीं मिल रहा है. इसका मुख्य  कारण बस और टैक्सी संचालकों द्वारा किराये में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं किया जाना है. जबकि भाव बढ़ाने की बारी आती है तो तुरंत किराये में इजाफ कर दिया जाता है.

यात्रियों का कहना हैं कि भले सरकार डीजल और पेट्रोल के दाम में एक रुपए का इजाफा करे इसके बाद बस और टैक्सी संचालक 15 से 20 प्रतिशत तक किराया बढ़ा देते हैं. कई बार तो पांच साल से कम के बच्चे का भी हॉफ किराया लेने का दबाव बनाते हैं. उनका एक ही रोना होता है कि तेल के दामों में इजाफा हो गया है इसलिए किराया बढ़ाया है, लेकिन जब तेल के दाम घटते हैं तो किराये को घटाने की बजाए वही रखते हैं. तब इनका कहना होता है कि यात्रा करनी है तो तय किराया देना होगा. सभी एकजुट होकर किराया बढ़ाने से सवारियों में मजबूरी में बढ़े दामों पर यात्रा करनी होती है.

सामान का अलग से पैसा 

रक्षाबंधन का पर्व जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाली ज्यादातर बसें फुल होकर चलने लगी हैं. इस दौरान बस संचालक यात्रियों के सामान का अलग से पैसा वसूल कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी खटारा बसों से काम लिया जा रहा है जो कभी भी बीच रास्ते पर खराब हो जाती है. इससे सवारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लोग जल्दी घर पहुंचने के लिए बस संचालकों को मनमाना किराया दे रहे हैं.