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नागपुर. सदर पुलिस ने मॉयल की महिला अधिकारी की शिकायत पर जनरल मैनेजर के खिलाफ छेड़खानी का मामला दर्ज किया है. लंबे समय से महिला को प्रताड़ित किया जा रहा था. पीड़िता ने इस संबंध में आला अधिकारियों से शिकायत की तो पहले मामला सुलझा लेने को कहा गया. जब बात नहीं बनी तो उलटा महिला को ही परेशान किया जाने लगा. आखिर परेशान होकर पुलिस से शिकायत की गई. कथित आरोपी त्रिलोचन दास बताए गए. दास कार्मिक विभाग के जीएम हैं, जबकि पीड़िता महिला भी इसी कार्यालय में अधिकारी है.

पीड़िता के अनुसार पिछले 7 वर्षों से दास उन्हें परेशान कर रहे थे. वर्ष 2016 से 18 के बीच वह दास के अधीन ही काम करती थी. काम के बहाने दास बार-बार उन्हें केबिन में बुलाते थे. आपत्तिजनक तरीके से घूरते और पहनावे पर कमेंट करते थे. काफी समय तक उन्होंने दास की हरकतों को नजरअंदाज किया. जब फटकार लगाई तो काम में खामियां निकालकर प्रताड़ित करने लगे. बेवजह कारण बताओ नोटिस जारी करते थे. दूसरे विभाग में नियुक्ति होने के बावजूद अन्य अधिकारियों के जरिए उन्हें अपनी केबिन में मिलने बुलाते थे. नवंबर 2022 में महिला के विभाग में ही दास की नियुक्ति हुई.

पुरानी बातों को भूल जाने को कहा लेकिन नीयत खराब थी. फोन पर मैसेज भेजते थे. कभी डिनर के बहाने घर पर अकेले आने को कहते थे. पीड़िता के पति भी मॉयल में ही कार्यरत हैं. उन्हें जबरदस्ती टूर पर भेजा जाता था, ताकि पीड़िता अकेले दास से मिल पाए. 4 मई 2023 को दास ने पीड़िता को फाइल लेकर अपनी केबिन में बुलाया. करेक्शन के बहाने वहीं बैठा लिया और अश्लील हरकत की. फटकार लगाने पर माफी मांगी लेकिन इसके बाद अधिकारियों से शिकायत कर प्रताड़ित करने लगे.

पीड़िता ने इस बारे में अपने पति और परिजनों को बताया. सभी ने दास के खिलाफ शिकायत करने को कहा. इसके बाद पीड़िता ने पोश कमेटी से शिकायत की. तब अन्य अधिकारियों ने आपस में मामला सुलझा लेने की सलाह दी और कहा कि अधिकारियों की पहुंच ऊपर तक होती है. नहीं मानने पर पीड़िता और उनके पति को कारण बताओ नोटिस और वार्निंग लेटर दिए जाने लगे. आखिर परेशान होकर पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच आरंभ की है.