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    नागपुर. फ्लैट स्कीम तैयार करके एक बिल्डर ने लोगों के साथ सौदा कर लिया. कई लोगों से पूरी राशि लेने के बाद एग्रीमेंट टू सेल किया. बाद में पूरी बिल्डिंग को ही फाइनेन्स कंपनी के पास गिरवी रखकर प्रोजेक्ट लोन ले लिया. बैंक के डूबने के बाद रिकवरी शुरू हुई और लोगों को धोखाधड़ी का पता चला. आरोपी बिल्डर रामदासपेठ निवासी शशांक गोविंदप्रसाद पांडे (48) बताया गया. न्यू सुभेदार लेआउट निवासी राहुल दत्तात्रय धाबू (44) की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया. पांडे प्रयाग बिल्डर्स का संचालक है.

    वर्ष 2013 में पांडे ने वंजारीनगर में दिव्य प्रयाग नामक 7 मंजिला फ्लैट स्कीम तैयार की. राहुल धाबू समेत 23 लोगों से फ्लैट का सौदा किया. वर्ष 2014 तक उसने सभी फ्लैटधारकों से अलग-अलग राशि लेकर रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू सेल किया. अधिकांश लोग पजेशन ले चुके थे. सभी को एक साथ सेल डीड करवाने का झांसा दिया गया.

    अधिकांश फ्लैट का सौदा होने के बाद पांडे ने लक्ष्मीनगर में शांति प्रयाग अपार्टमेंट बनाना शुरू किया. वर्ष 2015 में पांडे ने दिव्य प्रयाग की पूरी फ्लैट स्कीम और शांति प्रयाग के कुछ फ्लैट दीवान हाउसिंग फाइनेन्स लिमिटेड में गिरवी रखकर प्रोजेक्ट लोन मंजूर करवाकर 22 करोड़ रुपये का लोन ले लिया. तब तक किसी फ्लैटधारक को इसकी जानकारी नहीं थी. 

    नोटिस आने पर मिली जानकारी

    डे ने दस्तावेजों में साफ बताया था कि उसकी स्कीम पर कोई आर्थिक बोझ या लोन नहीं है. सभी को सेल डीड भी करवा दी. दीवान हाउसिंग के डूबने के बाद रिकवरी की प्रक्रिया शुरू हुई. तब तक किसी को कोई जानकारी नहीं थी. वर्ष 2020 में लक्ष्मीनगर के शांति प्रयाग अपार्टमेंट में प्रशासन द्वारा नोटिस चिपकाए गए. तब वहां रहने वाले लोगों ने दिव्य प्रयाग में रहने वाले परिचित लोगों को जानकारी दी. पांडे पर 12.90 करोड़ रुपये बकाया होने का पता चला. सभी ने पांडे से संपर्क किया.

    पांडे ने जल्द ही सारा लेन-देन निपटाने का भरोसा दिलाया. 2 वर्ष बीत गए लेकिन बैंक की रकम वापस नहीं की. मेहनत की कमाई से लिया हुआ फ्लैट ही गिरवी रखा होने के कारण लोगों ने जनवरी 2022 में सीपी अमितेश कुमार को मिलकर शिकायत दी. उनके निर्देश पर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा ने प्राथमिक जांच की. शनिवार को अजनी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया. पुलिस पांडे की तलाश में जुट गई है.