Cotton
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    • बारिश से कम किया अनुमान
    • 70 केंद्र राज्य में खोलेगा कॉटन फेडरेशन
    • 40 केंद्र विदर्भ में खोलेगा सीसीआई
    • कपास को मिलेगी अच्छी कीमत
    • 7000 का चल रहा भाव

    नागपुर. बारिश के पूर्व राज्य में 85 लाख बेल कपास उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था. बारिश के बाद अनुमान को संशोधित कर 75 लाख बेल्स कर दिया गया है. इस वर्ष किसानों को पूरे सीजन अच्छी कीमत मिलने की संभावना जताई जा रही है. अभी ही कपास को 7000 रुपये क्विंटल का भाव मिल रहा है जो 6025 रुपये एमएसपी भाव से अधिक है. दोनों की एजेंसियां कॉटन फेडरेशन और सीसीआई ने उम्मीद जताई है कि घरेलू मांग बनी रहेगी जिसके कारण कीमत कम होने की संभावना कम है. 

    कॉटन फेडरेशन के महाप्रबंधक जे. पी. महाजन ने कहा कि बारिश से कितना नुकसान हुआ है, यह आंकलन करना मुश्किल है लेकिन यह तय है कि पहले की तुलना में उत्पादन कम होना निश्चित है. पहले 85 लाख बेल का उत्पादन अनुमान था. अब 75 लाख बेल्स का अनुमान रखा गया है. हालांकि अगर 4-5 दिनों का धूम मिल गया तो परिस्थिति पुन: बदल सकती है. उन्होंने कहा कि विदर्भ के कुछ हिस्सों में नुकसान की संभावना है जबकि मराठवाड़ा में ज्यादा नुकसान का अनुमान लगा जा रहा है. 

    6025 रुपये एमएसपी

    इस बार कपास के लिए एमएसपी 6025 रुपये तय है लेकिन बाजार में इससे अधिक मूल्य मिल रहा है. कॉटन फेडरेशन और सीसीआई को मिली जानकारी के अनुसार कुछ हिस्सों में कपास की आवक शुरू हो चुकी है और उन क्षेत्रों में कपास को व्यापारी 7000 रुपये का भाव दे रहे हैं. इंटरनेशनल के साथ-साथ घरेलू बाजार में डिमांड अच्छी रहने से कीमतों में तेजी बनी रहने की संभावना है. पिछले वर्ष भी कपास को अच्छा भाव मिला था. 

    नवंबर में खुलेंगे केंद्र

    दोनों ही एजेंसियों के अधिकारियों ने बताया कि वे कपास खरीदी करने के लिए तैयार हैं लेकिन मार्केट में कपास के नवंबर तक ही आने की संभावना है. कॉटन फेडरेशन पूरे राज्य में 70 कें‌द्र खोलने के लिए टेंडर भी निकाल चुका है जबकि सीसीआई विदर्भ में 40 केंद्र खोलने जा रहा है. दोनों ही एजेंसियों की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और कपास आने के इंतजार में हैं. 

    15 लाख बेल की हुई थी खरीदी

    गत वर्ष कॉटन फेडरेशन ने राज्य में 7.44 लाख बेल्स कपास की खरीदी की थी. इस वर्ष भी इसी के आस-पास खरीदी करने के मूड में है. अगर किसान आते हैं तो और अधिक खरीदी भी करेंगे. इसी प्रकार सीसीआई ने गत वर्ष 7.50 लाख बेल्स कपास की खरीदी विदर्भ में और 10 लाख बेल्स कपास की खरीदी मराठवाड़ा में की थी. कोरोना होने के कारण दोनों एजेंसियों के पास किसान ज्यादा संख्या में पहुंचे थे लेकिन इस बार खुले बाजार में कीमत अधिक होने से इनके पास किसानों के आने की संभावना कम है.