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नागपुर. लकड़गंज थानाक्षेत्र में 2 युवकों द्वारा सीनियर सिटीजन के साथ मारपीट और जानलेवा हमला करने के बावजूद पुलिस द्वारा गंभीरता ना दिखाने का मामला तुल पकड़ता जा रहा है. पुलिस पर आरोप लगाये जा रहे हैं कि हमले की सीसीटीवी रिकार्डिंग होने के बावजूद उसने शिकायतकर्ता सीनियर सिटीजन को 3 घंटे तक थाने में बैठाये रखा. फिर गैरसंज्ञेय अपराध के तहत मामला दर्ज कर रवाना कर दिया. इससे क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों में रोष है. आरोपियों के नाम समतानगर निवासी विवेक उर्फ पीयूष मनोज अंबादे (23) और पंचशील नगर निवासी अर्पण अहिंसकर कोसे (20) बताये गये है. दोनों इमारतों में पेंटिंग का काम करते हैं. दबाव बढ़ने के बाद पुलिस ने विवेक को हिरासत में लिया है.

क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता दरोड चौक निवासी बालाजी गणपतराव रुद्राकार (69) की दुकान है. इसी चौक के पास एक इमारत में विवेक और अर्पण पेंटिंग का काम कर रहे थे. दोपहर करीब 2.30 बजे दोनों रुद्राकार की दुकान पर पहूंचे और बीडी का बंडल मांगा. रुद्राकार ने बंडल देकर 25 रुपये मांगे. फिर दोनों आरोपियों ने बंडल से 2 बीड़ियां निकाली और कहा कि ये 20 रुपये का ही आता हैं. यह कहकर उन्होंने खुला हुआ बंडल रुद्राकार को लौटा दिया. इस पर रुद्राकार ने कहा कि बंडल खोलकर बीडी ले ली है. अब इसे कोई नहीं खरीदेगा. इस पर विवेक और अपर्ण ने रुद्राकार से बहस शुरू कर दी और दुकान का सामान फेंकने लगे. रोकने पर उन्होंने रुद्राकार से मारपीट शुरू कर दी. इसी दौरान वहां खड़े ग्राहक और दूसरे शिकायतकर्ता अशोक मिगलानी (65) ने बीच-बचाव करने की कोशिश की. लेकिन, विवेक और अर्पण ने उन्हें भी सड़क पर पटक दिया और मारपीट की. इससे अशोक के कंधे पर गंभीर चोटें आई. दोनों आरोपियों ने ईंट से बालाजी पर जानलेवा हमला किया. इस बीच वहां भीड़ जम गई तो आरोपी भाग गये. हालांकि सारी घटना दुकान के सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हो गई.

पुलिस पर अमानवीय रवैये का आरोप

बालाजी करीब 3 बजे मामले की शिकायत लेकर कपिलनगर पुलिस स्टेशन पहुंचे. वह और अशोक, दोनों को गंभीर बीमारियां है. उन्हें उम्मीद थी कि वरिष्ठ नागरिक होने के चलते पुलिस जल्दी सुनवाई कर राहत देगी. लेकिन आरोप है कि चोटिल होने के बावजूद उन्हें थाने में करीब 3 घंटे बिठाकर रखा गया. शाम करीब 6 बजे उन्हें केवल गैरसंज्ञेय अपराध (एनसी) की रिपोर्ट देकर चलता कर दिया गया. हालांकि बालाजी ने अनुरोध किया कि सीसीटीवी रिकार्डिंग देखकर घटना की गंभीरता, सत्यता और आरोपियों की पहचान की जा सकती है. सीनियर सिटीजन के साथ पुलिस इस रवैये से परिसर में रोष फैल गया. जानकारी बाहर आते हुए पुलिस ने मामला दर्ज किया और विवेक को हिरासत में ले लिया. जांच जारी है.