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    नागपुर. बसों को ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाने वाले एसटी के बस चालक, कंडेक्टर के साथ अन्य स्टाफ को गांव में रुकना महंगा पड़ रहा है. कर्मचारियों के अनुसार महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एसटी) द्वारा 75 से 100 रुपए तक दिया जाता है लेकिन वास्तविक खर्चा इससे ज्यादा रहता है. रात में रुकने के कारण रात के खाने के साथ सुबह नाश्ते तक करीब 200 से 250 तक खर्चा आ जाता है. कई बार तो वे रात को रुकने के कारण बीमार भी पड़ जाते हैं. इससे जेब ढीली हो जाती है.

    इस मामले में कर्मचारियों ने अपने संगठन के माध्यम से आला अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाई है लेकिन अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है.

    बता दें कि एसटी कर्मचारी बीते कई सालों से वेतन भत्तों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनका कहना है कि बीते तीन सालों में महंगाई कई गुना बढ़ गई है लेकिन विभाग उनके बारे में विचार नहीं कर रहा है. इसके लिए वे लगातार सरकार को निवेदन देने के साथ ही आला अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं लेकिन महामंडल के अधिकारी खजाना खाली होने की बात कहकर मामले को टरका रहे हैं.

    कर्मचारियों की मांग है कि उनका रात को रुकने वाला भत्ता 200 रुपए के आसपास होना चाहिए जिससे महंगाई से राहत मिल सके. इस मामले में कर्मचारी संगठन परिवहन मंत्री से मिल चुका है. उन्हें आशा है कि वर्तमान सरकार उनकी समस्याओं को जरूर सुनेगी.