Sunil Kedar
सुनील केदार

    Loading

    नागपुर. जुलाई माह की शुरुआत से निरंतर हो रही बारिश के कारण राज्य के अन्य हिस्सों की तरह विदर्भ और विशेष रूप से नागपुर जिले के कई गांवों में बाढ़ के कारण किसानों का भारी नुकसान हुआ. ठीक बुआई के समय ही बाढ़ आने के कारण किसानों की खेती का भारी नुकसान हो गया. किसान इस वर्ष कोई फसल लेने की स्थिति में नहीं बचा है. ऐसे में किसानों को सीधे उनके खाते में प्रति हेक्टेयर 1 लाख की नुकसान भरपाई देने की मांग पूर्व मंत्री सुनील केदार और जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राजेन्द्र मुलक ने पत्र परिषद में की.

    उल्लेखनीय है कि नागपुर जिले में बाढ़ के कारण हुए फसलों के नुकसान का अवलोकन करने के लिए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के आदेशों के अनुसार समिति का गठन किया था. पूर्व मंत्री केदार के नेतृत्व में बनी समिति में राजेन्द्र मुलक, विधायक विकास ठाकरे, राजू पारवे, वामनराव कासावार, वीरेन्द्र जगताप, हरिभाऊ मोहोड, रवीन्द्र दरेकर, रश्मि बर्वे को शामिल किया गया. समिति ने नागपुर जिले के कई इलाकों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार की.

    सोयाबीन, कपास, तुअर फसलें हुईं बर्बाद

    उन्होंने कहा कि समिति की ओर से नागपुर जिले के नरखेड़, काटोल, कलमेश्वर, सावनेर, पारशिवनी, रामटेक, कामठी, मौदा, कुही, भिवापुर, उमरेड, हिंगना आदि क्षेत्र का दौरा किया गया. कमोबेश सभी गांवों में सोयाबीन, कपास, तुअर, सब्जी-भाजी, धान की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं. यदि नियमों पर उंगली रखकर सरकार पहले सर्वे कराने का बहाना करेगी तो किसानों को समय पर भरपाई नहीं मिल पाएगी. ऐसे में इस वर्ष उनके हाथ कुछ भी फसल नहीं लग पाएगी. अत: जो गांव बाढ़ से प्रभावित हुआ है, वहां के किसानों को तुरंत प्रभाव से प्रति हेक्टेयर 1 लाख रु. की नुकसान भरपाई दी जानी चाहिए. इस संदर्भ में रिपोर्ट भेजकर सरकार से मांग की जाएगी.

    लोगों के घर हुए तबाह

    उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण आई बाढ़ से न केवल खेतों को नुकसान पहुंचा है, बल्कि कई लोगों के घर भी तबाह हो गए हैं. हालांकि अस्थायी तौर पर ऐसे लोगों की वैकल्पिक जगहों पर व्यवस्था तो कराई गई लेकिन अब इसका स्थायी हल होना चाहिए. जिसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत इन लोगों को लाभ दिया जाना चाहिए. इसके अलावा बाढ़ के कारण जिन लोगों ने जान गंवाई हैं, उनके परिजनों को भी तुरंत प्रभाव से आर्थिक सहायता देनी चाहिए. समिति ने बिजली गिरने से विकलांग और किसानों के पालतू जानवरों के हुए नुकसान के लिए भी भरपाई देने की मांग राज्य सरकार से की. 

    बाढ़ में बह गई सड़कें और पुल

    उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण कई हिस्सों की सड़कें और पुल आदि बह गए हैं. स्थानीय लोगों की आवाजाही प्रभावित हो रही है. अत: सड़कों और पुल के निर्माण के लिए सरकार की ओर से तुरंत निधि मंजूर करना चाहिए. स्कूल और आंगनवाड़ी की इमारतों के हुए नुकसान को देखते हुए तुरंत सुधार कार्य करने जरूरी है. कामठी तहसील के कवठा में राख का बांध टूट जाने के कारण आसपास के किसानों के खेतों में राख जमा हो गई है. जमीन पूरी तरह से बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है. अत: इन किसानों को तुरंत आर्थिक मदद करने की मांग उन्होंने की. किसानों को पुन: बुआई और खाद के लिए सहायता करने की मांग भी की.