Court approves sacking of 12 Manpa employees, High Court validates Munde's decision
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  • प्लान के साथ तैयार रहने के आदेश

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नागपुर. कोरोना मरीजों को उपयुक्त इलाज देने में बरती गई लापरवाही और प्रशासन के प्रबंधन को लेकर नरेश पुगलिया ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की. याचिका पर हाई कोर्ट की ओर से दिए गए आदेशों का पालन कर सोमवार को सुनवाई के दौरान चंद्रपुर मनपा के आयुक्त और जिलाधिकारी भी अदालत में उपस्थित रहे.

सुनवाई के दौरान न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अविनाश घारोटे ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए भले ही पर्याप्त व्यवस्था की गई हो, किंतु इसे अधिक सक्षम बनाना जरूरी है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूसरी लहर में वैज्ञानिकों द्वारा कोविड-19 वायरस का नया स्ट्रेन खोजा गया है.

वैज्ञानिकों की दृष्टि से यह पहले से अधिक घातक है. अत: कोरोना पर उपायों के लिए बनाए जा रहे प्लान में जिला प्रशासन को इसे गंभीरता से लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजना चाहिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. श्रीरंग भांडारकर, केंद्र सरकार की ओर से अधि. उल्हास औरंगाबादकर, राज्य सरकार की ओर से प्रभारी सरकारी वकील केतकी जोशी ने पैरवी की.

सरकारी खर्च पर अधिक सुविधाएं देने की आवश्यकता

आयुक्त और जिलाधिकारी की ओर से दी गई जानकारी के बाद अदालत का मानना था कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए निश्चित ही अच्छे प्रयास रहे हैं, किंतु इसमें और अधिक करने की आवश्यकता है. सरकारी खर्च पर अधिक टेस्टिंग सेंटर्स, सरकारी मेडिकल अस्पताल में अधिक बेड्स उपलब्ध कराए जाने चाहिए. साथ ही आक्सीजनेटेड बेड्स भी उपलब्ध कराएं जाने चाहिए. हालांकि जिले में कोरोना की दूसरी लहर प्रवेश न करे, किंतु इसके लिए भी प्रशासन को तैयार रहना होगा. ऐसी विपदा को लेकर यदि विशेष तैयारियां नहीं रहीं तो विपदा आने के बाद चंद्रपुर का जिला प्रशासन इससे निपटने में समर्थ नहीं रहे पाएगा. अदालत ने अगली तारीख के पूर्व राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने के आदेश भी दिए. 

कोर्ट के समक्ष पेश करें प्रस्ताव

अदालत ने कहा कि यदि प्रस्ताव तैयार किया गया हो तो उसे राज्य सरकार को भेजा जाए. साथ ही अदालत के समक्ष भी पेश करने के आदेश जिला प्रशासन और चंद्रपुर मनपा को दिए. साथ ही अदालत ने जिलाधिकारी और मनपा आयुक्त द्वारा दायर किए गए हलफनामा पर अपना पक्ष रखने का अनुरोध याचिकाकर्ता के वकील से किया. अदालत ने अगली सुनवाई में दोनों अधिकारियों को उपस्थित रहने की आवश्यकता नहीं होने के भी आदेश दिए.