Nitin Gadkari

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नागपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय में फोन करके जान से मारने और बम से उड़ाने की धमकी देकर 100 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने वाले जयेश कांथा उर्फ जयेश पुजारी उर्फ शाकिर ने जांच के दौरान कुछ सनसनीखेज खुलासे किए है. यही कारण है कि अब सिटी पुलिस के साथ केंद्रीय एजेंसियां भी प्रकरण की जांच में जुट गई है. बताया जाता है कि बुधवार को इंटेलिजेन्स ब्यूरो (आईबी) की टीम ने कांथा से 11 घंटों तक पूछताछ की है.

बहरहाल पुलिस इस मामले में काफी गोपनीयता बरत रही है. कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. इससे लगता है कि मामला गंभीर होता जा रहा है. पहले तो यह लग रहा था कि जयेश ने जेल से भागने के लिए धमकी भरे कॉल किए थे लेकिन अब आईबी  की एंट्री होने से प्रकरण की गंभीरता का अनुमान लगाया जा सकता है. धंतोली पुलिस ने जयेश को बेलगांव की जेल से गिरफ्तार किया था. तब से 2 बार उसकी पुलिस कस्टडी ली जा चुकी है. न्यायालय ने उसे 14 अप्रैल तक हिरासत में रखने के निर्देश दिए हैं. सूत्रों का कहना है कि कांथा के दाउद या अन्य गिरोह से संबंध होने का संदेह है. इसीलिए आईबी  की टीम भी उससे पूछताछ कर रही है.

एनआईए भी कर सकती है पूछताछ

बुधवार की सुबह 7 बजे दिल्ली से आईबी की टीम धंतोली पुलिस स्टेशन पहुंची. उनके साथ अनुवादक  भी था. करीब 11 घंटे तक आईबी की टीम ने अनुवादक के जरिए कांथा से पूछताछ की. शाम 6 बजे के दौरान दस्ता वापस लौट गया. बताया जाता है कि एनआईए भी कांथा से पूछताछ कर सकती है. जयेश के पास मिले 2 मोबाइल फोन और सिम कार्ड  की भी जांच की गई. उसमें कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों को कॉल किए जाने का खुलासा हुआ है. कांथा बहुत ही शातिर अपराधी है. अपनी ही भाभी और भतीजी की हत्या के मामले में उसे पहले फांसी की सजा हुई थी. बाद में उसकी सजा उम्रकैद में बदल गई. जेल के भीतर जयेश के पास  2 बार मोबाइल फोन जाने से केंद्र की एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए है. आईबी  द्वारा जेल के  अधिकारियों से पूछताछ की जा सकती है. आईबी की पूछताछ में कांथा ने क्या कुछ कहा इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है.

देर रात तक थाने में सीपी

जानकारी मिली है कि बुधवार की शाम सीपी अमितेश कुमार भी धंतोली थाने पहूंचे. उन्होंने भी कांथा से पूछताछ की है. देर रात तक सीपी ने धंतोली पुलिस से अब तक हुई जांच की रिपोर्ट ली. खबर मिली है कि पुलिस कांथा पर अनलॉफुल एक्टिविटीस प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज कर सकती है. आमतौर पर ये धारा आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों पर लगाई जाती है. इससे साफ है कि कांथा ने कोई बड़ी साजिश रची थी.