Tushar Gandhi

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नागपुर. देश में एक के बाद एक प्रयोग किया जा रहा है. चमत्कार होने की बात बार-बार कही जा रही है. कभी हिन्दूत्व खतरे में कहा जता है तो कभी मंदिर वहीं बनाएंगे, राम मंदिर बनाने से चमत्कार होगा कहा जाता है लेकिन यह देश संविधान के अनुसार सर्वधर्म समभाव पर चल रहा है. हिन्दू राष्ट्र होना तो खुशी से नेपाल जा सकते हैं. यह कहना है महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी का.

उन्होंने बिना नाम लिए भाजपा व मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया. वे मिलिंद कीर्ति लिखित पुस्तक ‘सहमतिची हुकुमशाही’ एरिस्ट्रोक्रेसी टू टेक्नोक्रेसी के प्रकशान समारोह में बोल रहे थे. धनवटे कॉलेज सभागृह में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकपा नेता भालचंद्र कानगो ने की. रणजीत मेश्राम, श्रीपाद भालचंद्र जोशी, अतुल कोटेचा, मिलिंद कीर्ति उपस्थित थे. गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने जी20 के नाम पर राजघाट पर जो किया व ‘इगो-शो’ था. महात्मा गांधी ने कभी हार-फूल स्वीकार नहीं किया उन्हें खादी धागे की माला पसंद थी.

क्रांति का उद्देश्य बदल गया

गांधी ने कहा कि आज क्रांति का उद्देश्य फायदा उठाना हो गया है. पूंजीपतियों व व्यावसायीकरण की बाढ़ आ गई है. तर्कशक्ति खत्म की जा रही है. वैसे भी देश में विचार करना पहले ही बंद हो गया है. विचारों की गुलामी का फायदा लिया जा रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स भयानक है, इससे लोगों के मूल विचार ही खत्म हो जाएंगे. मतदान का भयानक मजाक हो रहा है. लोकतंत्र को मलीन करने वाली घटनाएं हो रही हैं लेकिन फुले शाहू, आंबेडकरवादी हो या समाज कहीं भी असंतोष उमड़ा नहीं.

उन्होंने कहा कि इंदिरा गाधी ने इमर्जेन्सी लादी थी जो मतदाताओं को नहीं पटी और बैलेट से पराजित कर दिया. 2024 में नकारात्मकता फैलाने वाली जहरीली विचारधारा को पराजित करें. उसके बाद भी 10-20 वर्ष समाज से इसे खत्म करने में लगेगा. देश में आज जो शुरू है व ‘आदेश’ से हो रहा है. वहीं श्रीपाद भालचंद्र जोशी ने कहा कि मानव मूल्य हर क्षेत्र में गुम हो गए हैं. दिमाग गिरवी रखा जा रहा है. अन्य मंचासीनों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.