
नागपुर. सिटी में वायरल इंफेक्शन का सीजन शुरू हो गया है. यह तेजी से फैल रहा है. बुखार तो दो से तीन दिन में ठीक हो जाता है लेकिन खांसी 15 दिन तक रहती है. बच्चों से लेकर बड़ों पर इसका असर देखा जा रहा है. अस्पताल की ओपीडी में करीब 40 प्रतिशत मरीज वायरल बुखार के आ रहे हैं. डॉ. अविनाश गावंडे के अनुसार इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. कुछ बेसिक नियम फॉलो करके बुखार से बचा जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि बदलता मौसम कई तरह की बीमारियां लेकर आता है, जिनसे बचाव का एकमात्र उपाय संतुलित खान-पान है. शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में वायरल इंफेक्शन से पीड़ित मरीजों की संख्या में दिन ब दिन इजाफा हो रहा है. ओपीडी में निमोनिया, दस्त, पीलिया और बुखार से ग्रस्त नौनिहालों से लेकर 10 साल तक के बच्चों की भीड़ बढ़ गई है. किसी को बुखार के साथ गले, सिर व कमर में दर्द की शिकायत है तो किसी का शरीर बुखार में तप रहा है. इन्हें जुकाम, खांसी के अलावा कफ के चलते सांस लेने में भी तकलीफ हो रही हैं. लोग सबसे ज्यादा खांसी से परेशान है. क्यों कि इसे ठीक होने में करीब 15 दिनों का समय लग रहा है.
सावधानी रखना जरूरी
डॉ. गावंडे के अनुसार अगर परिवार में किसी व्यक्ति को वायरल फीवर हो गया है तो बांकी सभी सदस्यों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ऐसा न करने पर वह इंफेक्शन खांसने और छींकने के माध्यम से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. इंफेक्शन को सक्रिय होने में 16 से 18 घंटे का समय लगता है. वायरल फीवर के लक्षणों में बुखार के साथ तेज खांसी, दवा का असर कम होने के साथ लंबे समय तक खांसी रहना है.