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नागपुर. नागपुर विश्वविद्यालय के नाम से बोगस डिग्री तैयार कर २६ युवाओं द्वारा इराक में नौकरी हासिल करने का खुलासा हुआ है. इराक दूतावास द्वारा डिग्री की जांच के लिए विवि और महाविद्यालयों से पत्र व्यवहार किये जाने पर डिग्री बोगस होने की बात सामने आई.

जून के पहले सप्ताह में इराक दूतावास में साकोली के बाजीराव करंजेकर कॉलेज ऑफ फार्मेसी, वर्धा के  बापूराव देशमुख अभियांत्रिकी महाविद्यालय और सिटी के डॉ. आंबेडकर महाविद्यालय को एक पत्र भेजा. इसमें इराक में नौकरी करने वाले 26 युवाओं के नाम और उनकी डिग्री, अंक सूची के बारे में पूछा गया. इस पर महाविद्यालयों ने बताया कि इन नाम के छात्र उनके यहां नहीं पढ़ते थे.

इन युवाओं का इनरॉलमेंट क्रमांक भी नहीं है. पश्चात दूतावास ने नागपुर विश्वविद्यालय को ई-मेल किया. विवि ने डिग्री, अंकसूची की पड़ताल की. इसमें पाया गया कि उपकुलपति के हस्ताक्षर वाली डिग्री और अंक सूची फर्जी है. दूतावास के समन्वयक अब्दुल हमीद ने 14 जून को नागपुर विवि में भी भेंट दी. उक्त युवाओं के पास जो डिग्री और अंकसूची हैं, वह २०१७, २०१९ और २०२० के दौरान की है जबकि २०१९ और २०२० में दुनियाभर में कोराना संकट था. इनमें 24 डिग्री फार्मेसी, 2 इंजीनियरिंग और एक माइक्रोबायोलॉजी की हैं. 

अब तक पुलिस में मामला दर्ज नहीं 

विवि का लोगो और नाम का इस्तेमाल कर बोगस डिग्री और अंक सूची तैयार की गई है. फिलहाल इस मामले में विवि ने अब तक पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई है. केंद्र के उच्च शिक्षा विभाग, विदेश मंत्रालय, गृह विभाग और विवि अनुदान आयोग को जानकारी दी गई है. उक्त सभी युवक इराक में एक कंपनी में नौकरी कर रहे हैं. युवाओं के सभी दस्तावेज इराक के  ‘फॉरेन रिजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस’ (एफआरआरओ) के पास भेजे गये थे. तभी कार्यालय को संदेह हुआ था. इसके बाद ही महाविद्यालयों से संपर्क किया गया.