Koradi Power Plant
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नागपुर. कोराडी ताप बिजलीघर के 660 मेगावाट के विस्तार प्रकल्प पर हुई पर्यावरण जनसुनवाई को चुनौती देते हुए विदर्भ कनेक्ट संस्था की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया कि एफजीडी सिस्टम लगाने के संदर्भ में निर्णय लिया गया था किंतु अब इस संदर्भ में कोई खुलासा नहीं हो रहा है. इस पर महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन की ओर से पैरवी कर रहे अधि. मोहित खजांची ने कहा कि 16 नवंबर 2023 को ही इस संदर्भ में कार्यादेश दिया गया है. दोनों पक्षों की दलीलों के बाद हाई कोर्ट ने एफजीडी सिस्टम कब तक और कैसे लगाई जाएगी. इसका जवाब दायर करने के आदेश विभाग को दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि वन व पर्यावरण मंत्रालय की ओर से 14 सितंबर 2006 को नोटिफिकेशन जारी किया गया. जनसुनवाई नोटिफिकेशन में प्रदत्त नियमों के विपरीत है.

अधिकारियों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई

अधि. मंडलेकर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण कानून की धारा 15 के अनुसार महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इस संदर्भ में एमपीसीबी को आदेश देने का अनुरोध भी अदालत से किया गया. पावर जनरेशन की ओर से पैरवी कर रहे अधि. मोहित खजांची ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट 2010 के प्रावधानों के अनुसार याचिकाकर्ता ने इन मुद्दों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने उठाना चाहिए था. दोनों पक्षों की दलीलों पर अदालत ने कहा कि जनसुनवाई को लेकर उठाई गई आपत्ति और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के मुद्दे पर संज्ञान लिया जा सकता है. इन मुद्दों पर अपना पक्ष स्पष्ट करने के आदेश प्रतिवादी पक्ष को दिए.

गैरकानूनी ढंग से हुई जनसुनवाई

-याचिकाकर्ता के अनुसार महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से 29 मई 2023 को कोराडी प्रकल्प परिसर में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनसुनवाई ली थी जो पूरी तरह से गैर कानूनी है. सुनवाई करते समय पर्यावरण संरक्षण कानून के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया. 

-सुनवाई लेने से पूर्व प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को जानकारी देने के लिए इसका प्रचार नहीं किया गया जिसकी वजह से आसपास के ग्रामीण क्षेत्र की जनता इसमें शामिल नहीं हो पाई. यहां तक कि सुनवाई में पहुंचे कई लोगों को बोलने से रोका गया. 

इन मुद्दों पर भी ध्यानाकर्षण

-महाजेनको कंपनी परली, कोराडी, चंद्रपुर व भुसावल स्थित कुल 1,250 मेगावाट क्षमता के बिजली निर्मिति प्रकल्प बंद करने जा रही है.

-इसके बदले 2,400 मेगावाट क्षमता के ताप बिजली प्रकल्प कोराडी विस्तार में निर्मित होने जा रहे हैं.

-प्राथमिक स्तर पर 660 मेगावट के 2 यूनिट शुरू करने की योजना है.

-प्रकल्प विस्तार से आसपास के कई गांवों के लोगों का स्वास्थ्य खतरे में होगा.

-विदर्भ में कोयले पर चलने वाले सर्वाधिक प्रकल्प हैं. 16,296 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है.