Britain: Indian man sentenced to life imprisonment for killing parents
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    नागपुर. बोरी एमआईडीसी थानांतर्गत सलाई धाबा परिसर के विभीषण कामड़ी हत्याकांड में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस. सालुंके ने 2 भाइयों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. दोषी करार दिए गए आरोपी सलाई धाबा, बोरी निवासी प्रकाश गुलाब मसराम (40) और रणजीत गुलाब मसराम (37) बताए गए. पुलिस ने शोभा किशोर कामड़ी की शिकायत पर मामला दर्ज किया था.

    19 दिसंबर 2019 की रात पूरा कामड़ी परिवार घर में मौजूद था. रात 9 बजे के दौरान प्रकाश और रणजीत मसराम मोटरसाइकिल पर घर के सामने आए. शोभा के पति किशोर को घर के बाहर बुलाया. उनके बाहर निकलते ही प्रकाश ने लोहे की सब्बल से किशोर को मारना शुरू कर दिया. शोभा ने चीख-पुकार की तो उनके देवर विभीषण बाहर निकले. प्रकाश को रोकने का प्रयास किया लेकिन उसने विभीषण के सिर पर सब्बल मार दी. इसी दौरान रणजीत ने भी कुल्हाड़ी से वार किए.

    दोनों आरोपी मोटरसाइकिल पर सवार होकर भाग निकले. उपचार मिलने से पहले ही विभीषण की मौत हो गई. शोभा की शिकायत पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ हत्या और मारपीट का मामला दर्ज किया. इंस्पेक्टर विनोद ठाकरे ने प्रकरण की जांच कर आरोप पत्र दायर किया. सहायक सरकारी वकील अभय जिकार ने न्यायालय के समक्ष 9 गवाहों के बयान की जांच की.

    शोभा, किशोर और उज्वल कामड़ी की गवाही महत्वपूर्ण साबित हुई. आरोपियों के कपड़ों पर मिले खून के दाग विभीषण के डीएनए से मैच हो गए. न्यायालय ने प्रकाश और रणजीत को हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और मारपीट के मामले में 3 वर्ष कारावास की सजा सुनाई. सरकार पक्ष को अधि. मंगेश निलजकर ने सहयोग किया.