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नागपुर. मनपा की मांग तथा आवश्यकता के अनुसार राज्य सरकार ने हाल ही में 17,981 पदों को मंजूरी प्रदान की. अब 50 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती होगी जिसके लिए मनपा द्वारा नियम निर्धारित किए गए किंतु पदोन्नति के संदर्भ में नियमों को लेकर किसी तरह का खुलासा नहीं होने कारण नये नियमों से मनपा के वर्तमान कर्मचारियों का नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

अत: नियमों पर अंतिम मुहर लगाने से पूर्व संगठन से चर्चा करने तथा तब तक नियमों को मंजूर नहीं करने की मांग मनपा की एकमात्र अधिकृत राष्ट्रीय नागपुर कॉरपोरेशन एम्प्लाइज एसोसिएशन ने की. नगर विकास मंत्री तथा नगर विकास विभाग सचिव को भेजे गए पत्र में संगठन ने कहा कि नये नियमों में किसी भी पद के लिए कम से कम स्नातक डिग्री आवश्यक होने का उल्लेख किया गया है, जबकि समकक्ष पदों पर वर्तमान में 12वीं पास कर्मचारी भी कार्यरत हैं. 

पदोन्नति के लिए क्या नियम

संगठन ने कहा कि इसके पूर्व कुछ पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा पास रखी गई थी. समय के साथ शैक्षणिक योग्यता में भले ही परिवर्तन किया गया हो, इसका विरोध तो नहीं है किंतु पहले से इन्हीं पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति देते समय क्या नियम लागू होंगे? इसका खुलासा नहीं किया गया है. वर्तमान में मनपा द्वारा तैयार किए गए सीधी सेवा प्रवेश नियम में कई तरह की खामियां हैं जिनमें सुधार किए बिना इन नियमों को मंजूरी देना तर्कसंगत नहीं होगा. संगठन ने कहा कि इस संदर्भ में मनपा आयुक्त से मिलकर जानकारी दी गई है. लेकिन संगठन के सुझावों को अहमियत नहीं दी गई है. किसी भी अधिकारी और कर्मचारी पर अन्याय न हो, यही संगठन की अपेक्षा है. 

संगठन से चर्चा करना अनिवार्य

मनपा ने 12 अप्रैल 1976 को एक प्रस्ताव पारित किया था. औद्योगिक संबंध अधिनियम 1946 के अनुसार मान्यता प्राप्त संगठन को कर्मचारियों के सेवा प्रवेश नियम में परिवर्तन करते समय नोटिस ऑफ चेंज देना अनिवार्य है. मनपा में प्रचलित सेवा नियम त्रिस्तरीय चर्चा के बाद मंजूर किए गए हैं. यदि इनमें किसी तरह का परिवर्तन करना हो तो संगठन के साथ चर्चा के बाद निर्णय लेना आवश्यक है लेकिन संगठन से चर्चा न कर, एकतरफा निर्णय लिया गया है. इसका संगठन ने विरोध किया है.