250 आधार कार्ड
13 साल्वेंसी
106 पन्ने राशन कार्ड के
1 स्टैंप राशनिंग विभाग का
कार्यालय प्रतिनिधि
नागपुर. फर्जी साल्वेंसी और दस्तावेजों के बल पर अपराधियों को जमानत दिलाने वाले एक गिरोह का क्राइम ब्रांच के यूनिट-2 ने पर्दाफाश किया. न्याय मंदिर के सामने छापेमारी करके पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया. बताया जाता है कि आरोपी अब तक दर्जनों लोगों को जमानत दिला चुके हैं. आरोपियों में देशपांडे लेआउट, वर्धमाननगर निवासी सुनील मनोहर सोनकुसरे (45) और सतीश रामकुमार शाहू (32), रवि झेराक्स सेंटर, देशपांडे लेआउट के संचालक रवि सावरकर और मिनीमातानगर निवासी आरती साहू का समावेश है. पिछले कुछ बड़े प्रकरणों में आरोपी के फरार रहने पर उनके जमानतदारों की जांच हुई थी. उस समय जमानतदार का कोई अता-पता नहीं लग रहा था. तभी सीपी अमितेश कुमार ने अधिकारियों को आदेश दिए थे कि कोर्ट में जमानतदार खड़े करने वाले लोगों पर नजर रखें. बुधवार की शाम पुलिस को जानकारी मिली कि न्याय मंदिर के सामने कुछ लोग वाहन में बैठकर साल्वेंसी के फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहे हैं. खबर के आधार पर पुलिस ने छापा मारकर सुनील और सतीश को गिरफ्तार किया.
गाड़ी पर वकील का स्टिकर
खबर देने वाले ने बताया था कि आरोपी चारपहिया वाहन क्र. एमएच 31-डीसी 8426 पर बैठकर काम करते हैं. उनकी गाड़ी के आगे और पीछे वकीलों का स्टिकर लगा हुआ है. जिस समय पुलिस का छापा पड़ा दोनों आरोपी गाड़ी में ही बैठे थे. उनके पास आमतौर पर वकीलों के पास देखे जाने वाले बैग थे. तलाशी लेने पर पुलिस के भी होश उड़ गए. बैग में फर्जी आधार कार्ड के बंडल, साल्वेंसी के दस्तावेज, राशन कार्ड के बंडल और महानगर पालिका की टैक्स पावती सहित अन्य दस्तावेज रखे हुए थे. उन्हें गिरफ्तार कर सदर थाने में विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. कुछ वर्ष पहले सुनील ने महल के राशन आपूर्ति विभाग से एक स्टैंप चोरी किया था. इसका इस्तेमाल वह फर्जी राशन कार्ड बनाने में करता था. उसने अलग-अलग लोगों के नाम पर 60 राशन कार्ड बनाए थे.
झेराक्स सेंटर और सुविधा केंद्र में बनते थे दस्तावेज
दस्तावेजों के बारे में पूछताछ करने पर सुनील ने बताया कि मिनीमातानगर के साहू ई-सुविधा केंद्र में उपलब्ध लैपटॉप, प्रिंटर और झेराक्स मशीन पर वह फर्जी आधार कार्ड तैयार करता था. राशन कार्ड बनाने के लिए वह देशपांडे लेआउट में स्थित रवि झेराक्स में जाता था. इन दोनों ही संस्थानों के संचालक आरती साहू और रवि सावरकर की तलाश पुलिस कर रही है. डीसीपी चिन्मय पंडित और एसीपी रोशन पंडित के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर किरोश पर्वते, एपीआई पवार, एएसआई संतोष मदनकर, राजेश तिवारी, रोनाल्ड एंथोनी, रामनरेश यादव, सुनील कुंवर, शेषराव राऊत, किशोर ठाकरे, महेंद्र सड़माके, सचिन आंधले, संतोष उइके और प्रवीण चव्हाण ने कार्रवाई की.
कई वकीलों ने करवाई जमानत
सुनील अब तक दर्जनों अपराधियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमानत दिला चुका है. जानकारी मांगने पर सुनील ने बताया कि उसके मोबाइल पर जितने वकीलों के नंबर सेव हैं लगभग सभी ने उससे साल्वेंसी लेकर अपने पक्षकार को जमानत दिलवाई है. वह लंबे समय से यह काम कर रहा था. कई अपराधियों के रिश्तेदार सीधे उससे संपर्क करते थे. 1 साल्वेंसी के लिए वह 6000 रुपये लेता था. 1500 रुपये न्यायालय में खड़े होने वाले जमानतदार को देता था. 400 में आधार कार्ड और 300 में राशन कार्ड बनवाता था. बाकी पैसे खुद रखता था. फर्जी साल्वेंसी के बल पर जमानत लेने वाले लोगों की सूची तैयार की जा रही है.