Bawankule
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    नागपुर. भाजपा प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि भ्रष्टाचार करने वाले मंत्रियों की जांच करना छोड़कर राज्य की मविआ सरकार ने विधानसभा विरोधी पक्ष नेता देवेन्द्र फडणवीस को ही नोटिस भेजा है. यह गलत है पुलिस तत्काल नोटिस वापस ले.

    उन्होंने कहा कि फडणवीस ने अभी एक ही बम फोड़ा है, उनके पास ऐसे अनेक शस्त्र हैं जो आने वाले समय में बाहर निकलेंगे. पुलिस के तबादले के संदर्भ में रिपोर्ट लीक मामले में मुंबई पुलिस ने फडणवीस को जांच की नोटिस भेजी है जिससे भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी नाराजी है. विरोध में वेरायटी चौक पर भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नोटिस की होली जलाई.

    बावनकुले ने कहा कि फडणवीस ने जो घोटाला उजागर किया है सरकार उसकी जांच करवाये. सूबत कहां से मिले यह पूछने की बजाय सच क्या है उसकी जांच कराए और दोषी मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करे. नोटिस देकर दबाव बनान का प्रयास न करे. ऐसे दबाव तंत्र से भाजपा कार्यकर्ता चुप बैठने वाले नहीं है. विरोधी पक्ष नेता होने के चलते सरकार के भ्रष्टाचार और नियमबाह्य कार्यों को उजागर करने का उन्हें संवैधानिक अधिकार है. इस सरकार के पाप का घड़ा भर गया है.

    भ्रष्ट सरकार का भ्रष्ट कामकाज

    शहर अध्यक्ष व विधायक प्रवीण दटके ने कहा कि पुलिस विभाग के तबादलों में भ्रष्टाचार और फोन टैपिंग के सबूत केन्द्रीय गृह मंत्रालय को सौंपे जाने के बाद सीबीआई जांच कर रही है. इस जांच में सहयोग करने की बजाय उलट फडणवीस को फंसाने के लिए गैरकानूनी तरीके से साइबर पुलिस के माध्यम से बीकेसी कार्यालय में हाजिर होने का नोटिस दिया गया. यह अजब सरकार है. भ्रष्टाचारियों को पकड़ने की बजाय सबूत सहित उसे उजागर करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. फडणवीस ने जब से मंत्री मंडल में शामिल भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ एक-एक कर सबूत दिया, न्यायालय द्वारा उन्हें जेल पंहुचाया गया तब से सरकार के मुख्यमंत्री सहित सभी पक्षों के नेताओं में घबराहट मची हुई है और नई-नई चालें चलकर फंसाने के मौके ढूंढने में व्यस्त है. 

    नेताओं का दिमाग फ्यूज

    विधायक कृष्णा खोपड़े ने कहा कि 3 दिन पहले 4 राज्यों में भाजपा की जीत से मविआ के सभी नेता चिढ़ गये हैं. उनके शरीर में कांटे चुभ रहे हैं. फडणवीस में 125 घंटे की बातचीत का सबूत दिया है तभी से सभी नेताओं का दिमाग फ्यूज हो गया. क्योंकि जिन्होंने भी साजिश रची सबूत के रूप में पेन ड्राइव में है. वे सभी जेल जाने से घबरा रहे हैं. फडणवीस को नोटिस देने का निषेध भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता कर रहा है.

    आंदोलन के दौरान विकास कुंभारे, मनीषा धावड़े, अनिल बांडे, गिरिश व्यास, सुधीर पारवे, अश्विनी जिचकार, अशोक मेंढ़े, धर्मपाल मेश्राम, अर्चना डेहनकर, संजय बंगाले, रामभाऊ आम्बुलकर, बाल्या बोरकर, सुनील मित्रा, भोजराज डुंबे, पारेंद्र पटले, विक्की कुकरेजा, संजय अवचट, संदीप जाधव, संदीप गवई, दिव्या धुरडे, वंदना यंगटवार, संजय फांजे, किशोर पैठे, अजय पाठक, रमेश वानखेड़े, किशोर वानखेड़े, देवेन दस्तूरे, संजय चौधरी, चंदन गोस्वामी सहित सैकड़ों पदाधिकारी, कार्यकर्ता आंदोलन में शामिल हुए.