पहले ही दिन नागपुर – इंदौर – नागपुर वंदे भारत में 14% यात्रियों ने किया सफर

Loading

नागपुर: ट्रेन 20912/20911 नागपुर-इंदौर-: र-नागपुर वंदे भारत सेमवार से शुरू कर दी गई। पहले ये ट्रेन केवल भोपाल तक परिचालित हो रही थी। पहले ही दिन नागपुर – इंदौर वंदे भारत को 14 प्रतिशत यात्री मिल गये। कुल 478 सीटों में से 13।77 प्रतिशत यानी कुल 73 सीटें बुक हुई। इनमें से चेयर कार में 71 और एग्जीक्यूटिव कार में 2 यात्रियों ने सफर किया।

इसे उद्घाटन के बाद भोपाल और इंदौर के बीच लगातार 20 प्रतिशत से कम यात्री ही मिल रहे थे। ऐसे में नागपुर से चलने पर पहले ही दिन 14 प्रतिशत का आंकड़ा भविष्य के लिए बेहतर उम्मीद जगा रहा है। वहीं, रविवार देर रात स्टॉपेज की लिस्ट में बैतूल का भी नाम जोड़ दिया गया। ट्रेन 20911 अपने निर्धारित समय 2।30 बजे प्लेटफार्म 5 पर पहुंची। पहले से मौजूद रेल अधिकारियों ने ट्रेन से उतरे यात्रियों को पुष्प गुच्छ से स्वागत किया।

किराया महंगा, सफर छोटा व सुरक्षित

हालांकि आम ट्रेनों के मुकाबले यात्रियों को वंदे भारत के लिए सामान्य ट्रेनों और बसों की तुलना में अधिक उल्लेखनीय है कि नागपुर से उज्जैन किराया देना पड़ेगा लेकिन दूसरी ओर यह भुगतान समय के महाकाल मंदिर और इंदौर के लिए की बचत के तौर पर सामने आयेगा। फुल किराये में से कैटरिंग चार्ज वैकल्पिक है। यानि यात्री चाहे तो कैटरिंग सुविधा घटाकर अपना किराया कम करवा सकते हैं। सोमवार को यह ट्रेन भोपाल से नागपुर केवल 5 घंटे में पहुंच गई। वहीं नागपुर से उज्जैन के लिए 7।30 और इंदौर केवल 8।30 घंटों में पहुंचा जा सकेगा।

पूरे विदर्भ को होगा फायदा

  1. विदर्भ के सभी जिलों के यात्री नागपुर पहुंच बेहद आसानी से और कम समय में वंदे भारत से उज्जैन और इंदौर पहुंच सकेंगे।
  2. अब वंदे भारत के तौर पर हर दिन चलने वाली एक सेमी हाईस्पीड ट्रेन मिल चुकी है।
  3. नागपुर-बिलासपुर-नागपुर के बाद यह विदर्भ की दूसरी वंदे भारत है।
  4. अब नागपुर स्टेशन पुणे की तरह इंदौर के लिए भी गेटवे बन जायेगा।
  5. भंडारा, तुमसर, गोंदिया, गड़चिरोली जैसे जिलों के हजारों यात्री पुणे के लिए नागपुर स्टेशन ही ट्रेन पाते है।
  6.  अब ऐसा ही नजारा उज्जैन और इंदौर के लिए भी दिखेगा।
  7. इंदौर के लिए सप्ताह में केवल 3 ट्रेनें थीं जबकि उज्जैन के लिए 11 ट्रेनें थीं लेकिन इनमें टिकट मिलना मुश्किल रहता था।