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बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के पोते और वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर

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नागपुर. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद काफी चित्र स्पष्ट हुआ है. इसके बावजूद राज्य में अगस्त तक अस्थिरता बरकरार रहने की जानकारी वंचित नेता प्रकाश आम्बेडकर ने पत्र परिषद में दी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस में 2 राजनीतिक धमाके होंगे. जिसके बाद राज्य की राजनीति में नए समीकरण जन्म लेंगे. कर्नाटक के चुनाव के बाद कई लोग खुलकर बोलने लगे हैं लेकिन जेडीएस के कारण कांग्रेस को लाभ होने का दावा भी उन्होंने किया. उन्होंने कहा कि शालीनीताई पाटिल के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वक्तव्य काफी महत्वपूर्ण है. इसी तरह से 48 सीटें जीतने का अमित शाह का दावा भी काफी सूचक है. सीएम एकनाथ शिंदे के पास पंजीकृत शिवसेना जाने के कारण उद्धव ठाकरे की अड़चने बढ़ गई है.

भाजपा के लिए बोझ हो रहे शिंदे

उन्होंने कहा कि विधायकों के अयोग्यता के फैसले तक ठाकरे नई पार्टी का पंजीयन भी नहीं कर सकते हैं. एक विश्लेषण यह भी है कि शिंदे अब भाजपा के लिए बोझ होते जा रहे हैं. भले ही वर्तमान में स्थिति स्थिर दिखाई दे रही हो लेकिन अगस्त तक अस्थिरता होगी. महाविकास आघाड़ी वर्तमान में सम्मानपूर्वक सेवानिवृत्ति की ओर बढ़ रही है. कांग्रेस पार्टी अपनी नंबर वन की पोजिशन छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. राकां के कई लोगों पर भी तलवार अटकी हुई है. ऐसे में जेल या स्वतंत्रता?. इसे लेकर उन्हें फैसला करना है. अगले 3-4 माह में इसे लेकर कार्रवाई शुरू हो सकती है. पत्र परिषद में पूर्व राज्यमंत्री डॉ. रमेश गजबे, राजू लोखंडे, रवि शेंडे उपस्थित थे.

मोदी-संघ को चुकानी पड़ेगी कीमत

आम्बेडकर ने कहा कि विश्व की हम महाशक्ति, हम ही श्रेष्ठ, विश्व के हम ही बड़े नेता होने का दावा करने वाले मोदी और आरएसएस को भविष्य में बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. पुतिन को सलाह देने का दावा करने वाले मोदी को जुलाई में अमेरिका दौरे पर जाना है. संयुक्त राष्ट्र को भी भेंट देना है. किंतु कुछ जानकारी उनकी ओर से उजागर होनी जरूरी है. डॉ. मनमोहनसिंह के कार्यकाल में 49 प्रतिशत अमेरिकन सिटीजन्स की वर्नेबल फंडिंग देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इसके तहत निवेश किया गया पैसा ‘काल बैक’ करना शुरू होने जा रहा है. जिसके बाद जुलाई में देश में भारी महंगाई होगी. इन पैसों को लेकर प्रधानमंत्री की ओर से खुलासा होने की आशा है. विश्वभर में भाजपा और आरएसएस द्वारा उजागर की गई भूमिका भारतीयों की नहीं है. यह समझने की आवश्यकता है.

BRS, स्वराज्य नये मित्र

उन्होंने कहा कि ठाकरे गुट के साथ वंचित की आघाड़ी है लेकिन अन्य दलों की ओर से प्रतिसाद नहीं है. वंचित को आघाड़ी में शामिल कराने की जिम्मेदारी ठाकरे की है. वंचित की ओर से हर समय स्पष्ट भूमिका ली गई है. यदि आघाड़ी में जाना है तो हरी झंडी देते हैं. यदि नहीं जाना हो तो नकार देते हैं. ऐसे में निकट भविष्य में क्या होगा. यह कहना मुश्किल है. किंतु राज्य में नये समीकरण हो सकते हैं. बीआरएस की सीमा से जुड़े केरल में अच्छा प्रदर्शन रह सकता है. जबकि संभाजीराजे शाहू की स्वराज्य पार्टी भी 27 मई से अस्तित्व में आ रही है. भविष्य में दोनों मित्र होने के संकेत भी उन्होंने दिए.