pension
File Pic

    Loading

    नागपुर. मृत पेंशनधारक कर्मचारियों की पेंशन राशि को अपने खुद के, रिश्तेदारों और मित्रों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर करीब 1.87 करोड़ रुपयों का सरकारी खजाने को चूना लगाने के मामले में मुख्य आरोपी सरिता नेवारे को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी थी लेकिन अब जिला परिषद प्रशासन ने इस मामले में तत्कालीन बीडीओ व गट शिक्षाधिकारी सहित कुल 10 को नोटिस जारी किया है. उनसे जवाब मांगा गया है और कार्रवाई की तलवार उन पर लटकने लगी है.

    जिप के अंतर्गत आने वाली पारशिवनी पंचायत समिति में यह घोटाला उजागर हुआ था जिसके चलते जिला परिषद प्रशासन में हड़कंप मच गया था. पुलिस थाने में मामला दर्ज करने के अलावा प्रशासन ने जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति गठित की है और समिति की जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस में मामला दर्ज किया गया. पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जांच कर नेवारे सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब पारशिवनी के 4 तत्कालीन बीडीओ, 3-4 गट शिक्षाधिकारी व अन्य कर्मचारियों सहित लगभग 10 को नोटिस जारी की गई है. कुछ अधिकारी रिटायर भी हो चुके हैं. 

    अक्टूबर में उजागर हुआ था मामला

    बताते चलें कि अक्टूबर 2022 में आरोपी महिला कर्मचारी की लंबी छुट्टी पर जाने के दौरान जब दूसरे कर्मचारी को पेंशनधारकों की फाइलें निपटारा वाली टेबल की जिम्मेदारी मिली तब उक्त घोटाला उजागर हुआ था. आरोपी ने पारशिवनी पंचायत समिति के शिक्षा विभाग के रिटायर्ड कर्मचारियों के निधन के बाद उनकी पेंशन फाइल बंद करने की बजाय उनकी फाइलों में अपने रिश्तेदारों के बैंक खाता नंबर जोड़कर पेंशन की राशि का गबन करना शुरू कर दिया था. जांच में यह भी सामने आया कि वह वर्ष 2013 से यह फर्जीवाड़ा कर रही थी. 17 फर्जी एकाउंट में उसने हर महीने 5 लाख रुपये के करीब ट्रांसफर करना शुरू किया था. प्रारंभिक जांच में यह राशि 1.87 करोड़ के लगभग पायी गई. इस घोटाले के सामने आते ही जिप प्रशासन में हड़कंप मच गया था जिसके चलते सीईओ ने सभी विभागों में पेंशनधारकों के मामलों की जांच करने के आदेश भी विभाग प्रमुखों को दिए ताकि यह पता चल सके कि कहीं अन्य विभागों में भी ऐसा तो नहीं हो रहा है.