Omicron is spreading its feet: 20 infected again found in Maharashtra on the second day, the number reached 108
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    • PCCC का प्रस्ताव निरस्त होने के बाद लिया निर्णय

    नागपुर. कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए जिले के ग्रामीण भागों में भी स्वास्थ्य यंत्रणाओं को तैयार रखने का निर्देश हाल ही विभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे वर्मा ने दिया था. उन्होंने पीडियाट्रिक टास्क फोर्स के साथ बैठक ली थी और कोरोना पीड़ित बच्चों के लिए बेड आरक्षित रखने का निर्देश दिया था.

    जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी तहसीलों में इसकी तैयारी की जा रही है. स्वयं जिप उपाध्यक्ष व स्वास्थ्य समिति सभापति सुमित्रा कुंभारे ने सभी तहसीलों के ग्रामीण अस्पतालों में कोविड केयर सेंटर की गुणवत्ता बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. उन्होंने बताया कि तीसरी लहर में नये वैरिएंट का खतरा भी हो सकता.

    साथ ही इस संभावित लहर में बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं. इसे देखते हुए सभी ग्रामीण अस्पतालों में पीड़ित बच्चों के लिए कम से कम 15 प्रतिशत बेड आरक्षित रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया पशु संवर्धन मंत्री सुनील केदार की मदद से सभी 13 तहसीलों के ग्रामीण अस्पतालों में सारी सुविधाएं अपडेट की जा रही हैं. 

    PHC में कोविड केयर सेंटर मंजूर नहीं 

    उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सभी 13 तहसीलों के 1-1 पीएचसी में 10-10 बेड का पीडियाट्रिक कोविड केयर सेंटर (पीसीसीसी) शुरू करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था. प्रत्येक सेंटर के लिए 58.61 लाख रुपयों के हिसाब से कुल 7.62 करोड़ रुपयों की निधि की मांग की गई थी. लेकिन चूंकि पीएचसी में नागरिकों को प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध की जाती है इसलिए सरकार ने पीएचसी में कोविड केयर सेंटर को मंजूरी नहीं दी.

    सरकार का कहना था कि अगर पीएचसी को कोविड सेंटर बनाया गया तो अन्य नागरिकों का उपचार नहीं किया जा सकेगा. उपाध्यक्ष ने बताया कि पीसीसीसी का प्रस्ताव निरस्त होने के बाद मंत्री सुनील केदार ने 13 तहसीलों के 13 ग्रामीण अस्पतालों (आरएच) में ही बच्चों के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया. तहसील स्तर पर 100 बेड का कोविड केयर सेंटर नियोजित किया गया है. 

    समय पर उपचार को प्राथमिकता

    कुंभारे ने बताया कि तीसरी लहर में संक्रमितों को तत्काल व समय पर सही उपचार उपलब्ध कराना प्राथमिकता है. इस दृष्टि से तैयारी की जा रही है. सेंटरों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध करने की जिम्मेदारी तहसीलदार की, स्टाफ व दवाइयां आपूर्ति की जिम्मेदारी जिप स्वास्थ्य विभाग की है. विभाग का नियोजन पूरा हो गया है. सीसीसी शुरू करने की जरूरत होते ही तत्काल उसे शुरू कर दिया जाएगा.

    छोटे बच्चों के खतरे को देखते हुए प्रत्येक सेंटर में जरूरतनुसार 15 प्रतिशत तक बेड आरक्षित रखने का निर्देश दिया है. इसके अलावा प्रत्येक सेंटर में 25-30 ऑक्सजीन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जाएंगे. अगर संक्रमितों की संख्या बढ़ी तो जहां जरूरत होगी वहां सीसीसी शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिले में स्वास्थ्य यंत्रणा पूरी तरह से सज्ज व मुस्तैद है.