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नागपुर. पिछले कुछ दिनों से शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में अज्ञात नाम से रैगिंग की घटनाएं बढ़ी हैं लेकिन जब छात्रों से पूछताछ की जाती है तो फिर छात्र नकार देते हैं. इसी तरह की घटना एक बार फिर सामने आई है. प्रथम वर्ष की छात्राओं से रैगिंग के संबंध में ‘सभी पालक वर्ग’ की ओर से हेल्थ यूनिवर्सिटी नाशिक में शिकायत की गई. इसके आधार पर कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने दिनभर छात्राओं से पूछताछ की लेकिन उन्होंने उनके साथ रैगिंग होने से इनकार कर दिया.

‘सभी पालक वर्ग’ नाम से यूनिवर्सिटी को शिकायत की गई. इसमें बताया गया कि होस्टल क्रमांक 2 में रहने वाली प्रथम वर्ष की छात्राओं के साथ सीनियर्स लड़कियां रैगिंग लेती हैं. अक्सर रात के वक्त उन्हें परेशान किया जाता है. यूनिवर्सिटी ने शिकायत कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी को फारवर्ड कर दी. कमेटी को शिकायत मिलते ही हड़कंप मच गया.

अधिष्ठाता ने दोपहर के वक्त आनन-फानन में कमेटी की बैठक बुलाई. सदस्यों ने हॉस्टल की छात्राओं से बारी-बारी पूछताछ की. इसमें किसी भी छात्रा ने उसके साथ ही रैगिंग होने की बात से इनकार किया. साथ ही छात्राओं ने लिखित रूप में भी दिया. कमेटी सदस्यों का कहना है कि किसी ने बेवजह परेशान करने के उद्देश्य से शिकायत की होगी. इसके बावजूद कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं की काउंसलिंग करने का निर्णय लिया है. काउंसलिंग की जिम्मेदारी साइकेट्रिक विभाग के प्राध्यापकों को सौंपी गई है.