RTMNU, nagpur University

  • प्रकाशन विभाग के दोनों गोदाम खचाखच भरे

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नागपुर. आरटीएम नागपुर विवि के कई विभागों में पुरानी फाइलें सहित साहित्य का अंबार लगा हुआ है. समय पर बिक्री नहीं किये जाने की वजह से चूहे दस्तावेजों को कुतर रहे हैं. इससे विवि को नुकसान भी झेलना पड़ रहा है. प्रकाशन विभाग के दो गोदाम है. जिनमें पुराने प्रश्न पत्र, प्रवेश आवेदन, विवरण पुस्तिका, चुनावी दस्तावेज, परीक्षा आवेदन, पुनर्मूल्यांकन आवेदन, पीएचडी आवेदन सहित अन्य दस्तावेज भरे हुए हैं. 8वर्षों से रद्दी भरी होने के बाद भी विवि द्वारा बिक्री नहीं की जा रही है. यही वजह है कि अब रद्दी सड़ने लगी है. वहीं चूहों की रोज दावत हो रही है. चूहों की बढ़ती फौज की वजह से अच्छे और उपयोग दस्तावेज भी खराब हो रहे हैं.

प्रकाशन विभाग द्वारा विविध तरह के आवेदन सहित प्रमाण पत्रों का प्रकाशन किया जाता है. रामदासपेठ स्थित लाइब्रेरी परिसर में ही दो गोदाम भी बनाए गये हैं. इन गोदाम में 2007 से लेकर 2015 तक रद्दी की बिक्री नहीं की गई. इनमें पुराने पाठ्यक्रम, आवेदन सहित अन्य दस्तावेज जीर्ण हो गये हैं. रिसर्च पुस्तकों का अंबार लगा हुआ है. प्रकाशन विभाग ने 2015 से रद्दी की बिक्री नहीं की है. अब दोनों गोदाम भरे होने से पुराने आवेदन, विवरण पुस्तिका, चुनावी दस्तावेज, पुनर्मूल्यांकन आवेदन, प्रश्न बैंक आदि रखने की जगह नहीं बची है. 

1 करोड़ से ज्यादा आएगी कीमत

रद्दी जमा होने से दोनों गोदाम में गंदगी का आलम है. चूहों के साथ ही घूस ने भी गोदाम में अपना कब्जा जमा रखा है. कई दस्तावेज तो इतने खराब हो गये है, उनकी कीमत  भी नहीं मिलेगी. गोदाम में होने वाले चूहे अब अन्य विभागों में भी अपना कब्जा जमा रहे है. लाइब्रेरी में कीमती किताबें रखी है. चूहों की नजरों से अच्छी किताबें भी नहीं बच रही है.

बताया जाता है कि इस रद्दी की कीमत सवा करोड़ है. लेकिन समय पर बेची नहीं गई तो इतनी भी कीमत नहीं आएगी. वहीं 8 वर्षों तक रद्दी को भरकर रखने का कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा है. इसके अलावा विवि की पुरानी हेरिटेज इमारत में पुरानी उत्तर पत्रिकाएं भरकर रखी गई है. सड़क किनारे वाले हिस्से की यह पूरी इमारत ही गोदाम में तब्दील हो गई है. लेकिन प्रशासन द्वारा गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. निर्धारित समय पर रद्दी की बिक्री किये जाने से साफ-सफाई भी बनी रहती है.