Vehicle drivers and public upset due to potholes on the roads
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    • 3,637 किमी सड़क का डामरीकरण
    • 1,624 किमी सड़क की मरम्मत
    • 331 किमी की मुरुम की सड़क
    • अधिकांश सड़कें मिट्टी की

    नागपुर. शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों के विकास को लेकर हमेशा ही अनदेखी की जाती रही. परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्र के अनेक सड़कों पर गड्ढे पड़े हैं. वहीं कुछ सड़कों की हालत इतनी खराब हो गई है कि उनपर चलना तक मुश्किल हो गया है. कभी निधि का अभाव तो कभी जनप्रतिनिधियों की लापरवाही बरतने से ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों का विकास आज तक नहीं हो पाया है. ग्रामीण क्षेत्र में पगडंडी मार्ग, ग्रामीण मार्ग, अन्य जिला मार्ग, प्रमुख जिला मार्ग, प्रमुख राज्य मार्ग व राष्ट्रीय महामार्ग ऐसे करीब 10 हजार किमी से अधिक सड़कें हैं. इनमें से कई सड़कों की तो वर्षों से मरम्मत और देखभाल तक नहीं की गई. जिसके चलते आज यह आलम है कि कई सड़कों पर तो चलना तक मुश्किल हो गया है. इस बात को लेकर स्थानीय नागरिकों ने कई बार आवाज भी उठाई है. संबंधितों को भी कई बार शिकायतें भी की गई निवेदन दिए. और आंदोलन भी किए गए. इन बातों को ध्यान में रखते हुए जिप अध्यक्ष रश्मि बर्वे ने हाल ही में निर्माणकार्य समिति की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की मरम्मत करने के काम तुरंत करने के निर्देश निर्माण कार्य विभाग को दिए.

    2013 से की जा रही अनदेखी

    2013 में हुई अतिवृष्टि के कारण जिले के कइयों गांवों की सड़कें पानी में बह गईं, तो वहीं कई पुल धराशायी हो गये. इन सड़कों की और पुलों की मरम्मत के लिए जिप निर्माणकार्य विभाग द्वारा ग्राम विकास विभाग को उस समय मरम्मत के लिए करीब 144 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था परंतु ग्राम विकास विभाग की ओर केवल 34 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई थी. जिसके कारण कुछ ही सड़कें और पुलों की मरम्मत की जा सकी. इसके बाद इन सड़कें और पुलों की मरम्मत के लिए ग्राम विकास विभाग द्वारा निधि ही नहीं मिलने से आज भी अनेक सड़कें और पुलों मरम्मत की प्रतीक्षा में हैं. जिले की सड़क और पुलों की काफी दयनीय अवस्था हो गई है.

    बारिश से उखड़ीं कई सड़कें

    हर साल बारिश के दिनों में ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें खराब हो जाती हैं. जितनी सड़कें खराब होती हैं उसकी तुलना में काफी कम सड़कों की मरम्मत की जाती हैं. जिसके चलते जिन सड़कों की मरम्मत नहीं होती, वे और भी खराब हो जाते हैं. समय बितता जाता है और आज के समय गांवों की कई सड़कें अब तो चलने के लायक भी नहीं है. ऐसे में ग्रामीण भागों की सड़कों की जिम्मेदारी अलग-अलग विभागों के पास है.जिसके कारण मरम्मत के कार्य गंभीरता से नहीं हो रहे है. कई वर्षों से ऐसे ही स्थिति होने से आज भी ग्रामीण के लोग गड्ढों भरे और मिट्टी के मार्ग से चलने को मजबूर है.