
नागपुर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। रोजाना लगभग सैकड़ों की संख्या में लोगों की मौतें और दस हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। इस महामारी को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लागू किया गया हैं। हालांकि इसमें कुछ रियायतें भी दी गई हैं। कोरोना काल में सरकार के सामने कई चुनौतियां खड़ी हुई हैं और आने वाले समय में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं।
लॉकडाउन के दौरान नवभारत ने अपने पाठकों के लिए कोरोना से पैदा हुई हर चुनौतियों से अवगत कराने का प्रयास किया। इसके लिए राज्य के बड़े-बड़े राजनीतिज्ञों को नवभारत ई-चर्चा के माध्यम से रूबरू कराया। इस बार श्री छत्रपति शाहू सहकारी साखर कारखाना लिमिटेड, कागल, कोल्हापुर के चेयरमैन समरजीत घाटगे ‘कोविड के पश्चात्: प्रशासनिक चुनौतियां’ विषय पर 22 जून शाम 7:00 बजे, नवभारत ‘ई-चर्चा’ कार्यक्रम में, नवभारत के फेसबुक पेज पर लाइव होंगे।
समरजीत घाटगे राजश्री शाहू के वंशज हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट) में पूरी की हैं। उनके पिता विक्रमसिंह घाटगे कागल तालुका के पूर्व विधायक रह चुके हैं। उन्होंने यहां श्री छत्रपति शाहू सहकारी साखर कारखाना लिमिटेड की स्थापना की। उनके पश्चात समरजीत ने इस कारखाने का कार्यभार संभाला।
2014 के चुनाव के बाद समरजीत भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) का अध्यक्ष बनाया गया। इसके अलावा समरजीत श्री छत्रपति शाहू मिल्क एंड एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लि., श्री छत्रपति शाहू कृषी खरेदी-विक्री सोसाइटी लि., श्री छत्रपति शाहू तोड़नी वाहतूक संस्था, कागल, सर पिराजिराव गुल उत्पादक संस्था, कागल, राजे विक्रमसिंह घाटगे फाउंडेशन के चेयरमैन हैं। वहीं वे श्री छत्रपति शाहू शिक्षण प्रसारक मंडल, कागल और सिद्धानेरेली, श्री छत्रपति शाहू अपंग कल्याण संस्था, कागल के अध्यक्ष हैं। जबकि सर पिराजिराव घाटगे ट्रस्ट के डायरेक्टर और राजे विक्रमसिंह घाटगे को-ऑप बैंक लि. कागल के विशेष गाइड हैं।