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    नागपुर. एसटी महामंडल के सरकार में विलिनीकरण की मांग को लेकर जारी हड़ताल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मंगलवार को मुंबई में सरकार और संगठनों के बीच दिनभर चर्चा चली लेकिन हल नहीं निकल सका. उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को इस मामले में कुछ सकारात्मक पहल हो सकती है. हड़ताल से प्रवासियों की मुसीबतें दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं. स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र भी परेशान हो गए हैं. 

    एसटी कर्मचारियों की हड़ताल को करीब महीना होता आया है. एक ओर जहां कर्मचारी अपनी मांगों पर अडिग हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार भी केवल चर्चा ही कर रही है. दोनों के टकराव में आम जनता पीस रही है. ग्रामीण भागों में स्थिति बिगड़ती जा रही है. सरकार का कहना है कि वह कोर्ट के आदेश के अनुसार गठित समिति के रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही करने को तैयार है. परिवहन मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि कमेटी जो सिफारिश करेगी, सरकार मानने को तैयार है लेकिन रिपोर्ट आने तक हड़ताल पर अड़े रहना आम जनता को परेशानी में डालना है. 

    स्कूल-कॉलेज जाना हो गया बंद 

    एसटी के बंद होने से दिवाली के पूरे सीजनभर प्राइवेट बस चालकों ने जमकर चांदी काट ली. जनता को जो मुसीबत भुगतनी थी, वह भी हो गई. ग्रामीण भागों के लिए एसटी लाइफ लाइन होती है. बस बंद होने से छात्रों का स्कूल और कॉलेज जाना बंद हो गया है, जबकि शिक्षा विभाग ने पूर्ववत समय पर बोर्ड की ऑफलाइन परीक्षा लेने की घोषणा कर दी है. नागरिकों का कहना है कि अति आवश्यक सेवाओं में शामिल होने के बाद रास्ता निकालने में इतनी देरी की जा रही है. जनता को परेशान करने के अलावा कुछ नहीं हो रहा है.