शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में स्टार्ट-अप का प्रवेश परिवर्तनकारी साबित हो सकता है: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

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    नागपुर. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने रविवार को कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में यूनिकॉर्न और स्टार्ट-अप का प्रवेश देश के लिए बड़े बदलाव वाला साबित हो सकता है। कोविंद ने रविवार को भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नागपुर के स्थायी परिसर का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। आईआईएम नागपुर की स्थापना 2015 में की गयी थी। राष्ट्रपति ने कहा कि एक शिक्षण संस्थान केवल सीखने का ही स्थान नहीं होता बल्कि ‘‘यह हम सभी की भीतरी और छिपी हुई प्रतिभाओं को और संवारने का काम करते है”।

    उन्होंने कहा, ” शिक्षण संस्थान वह जगह है जो हम में से प्रत्येक में आंतरिक और कभी-कभी छिपी हुई प्रतिभा को भी निखारने का काम करते हैं। पाठ्यक्रम हमें अपने भीतर आत्मनिरीक्षण करने, महत्वाकांक्षा रखने और अपने सपनों को पूरा करने का अवसर देता है।”

    राष्ट्रपति ने कहा, “हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहां नवाचार और उद्यमिता की सराहना की जाती है और उसे प्रोत्साहित किया जाता है। विभिन्न यूनिकॉर्न या स्टार्ट-अप की कहानियों ने नया इतिहास रचा है। इसने नए रास्ते खोले हैं क्योंकि व्यावसायिक उद्यमों के अंतर्गत कई नए क्षेत्र आ रहे हैं।”

    उन्होंने कहा कि खाद्य सामग्रियों के वितरण से लेकर कई अन्य चीजें पहुंचाने और ले जाने तक, ऐसी सभी सेवाएं स्टार्ट-अप और ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म द्वारा प्रदान की जाती हैं।

    कोविंद ने कहा, “शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र भी इन नए उद्यमों का हिस्सा बन गए हैं। इस तरह के प्रयास हमारे देश के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। यह हमारे देश के लोगों के लिए नौकरी प्रदाता और राजस्व अर्जित करने का जरिया बन सकते हैं।”

    कोविंद ने यह भी कहा कि नवाचार और उद्यमिता दोनों में न केवल प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोगों के जीवन को बेहतर और आसान बनाने की क्षमता है, बल्कि यह कई लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए उनसे कहा कि वे एक दूसरे से जुड़ी हुई दुनिया में रहते हैं और जल्द ही पेशेवरों के रूप में दुनिया की सैर करने वाले बनेंगे।

    राष्ट्रपति ने छात्रों से अपील करते हुए कहा, “हालांकि, इस प्रयास में हमारे देश की मूल भावना और नैतिकता को कभी मत भूलना। आप दुनिया भर में भारतीय संस्कृति और ज्ञान के दूत होंगे और आपका प्रदर्शन पूरे देश के लिए मानक साबित होगा।”

    उन्होंने आईआईएम नागपुर के उद्यमिता विकास संस्था की सराहना भी की जिसने सफलतापूर्वक महिला उद्यमियों को स्नातक करने में सक्षम बनाया है और उनमें से छह ने अपने उद्यम भी शुरू किए हैं।

    इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। (एजेंसी)