Dharmesh Dhawankar

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    नागपुर. आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति ने प्राध्यापकों को डराकर वसूली के आरोप झेल रहे जनसंवाद विभाग के प्रा. धर्मेश धवनकर को आखिर करीब महीनेभर के इंतजार के बाद सख्ती के अवकाश पर भेज दिया है. इस संबंध में शुक्रवार को विवि ने आदेश जारी किया. इसके साथ ही उनके विश्वविद्यालय परिसर, कैम्पस और जनसंवाद विभाग में प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई. विवि की कार्रवाई के बाद अब उन पर पुलिस का शिकंजा कसना तय माना जा रहा है.

    विवि के 7 विभाग प्रमुखों से धवनकर ने फर्जी शिकायत के आधार पर कार्रवाई का डर बताकर लाखों रुपये वसूल किए. करीब 50 लाख की डील हुई थी. इनमें से 15.50 लाख रुपये दिए जा चुके थे. इस बीच धवनकर का बढ़ता दबाव देख पीड़ित प्राध्यापकों ने 4 नवंबर को उपकुलपति से शिकायत की. शिकायत के बाद विवि ने धवनकर से स्पष्टीकरण मांगा. स्पष्टीकरण आने में भी करीब 10 दिन का समय लग गया लेकिन उपकुलपति ने इस स्पष्टीकरण को नकार दिया था. इस दौरान विधान परिषद उपसभापति नीलम गोरहे ने संपूर्ण मामले की जांच करने के आदेश दिए. साथ ही उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री ने भी मामले को लेकर पुलिस आयुक्त के साथ बैठक लेने की बात कही थी. 

    अब पुलिस का कसेगा शिकंजा 

    इस बीच, धवनकर के समर्थकों ने मामले को रफादफा करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया लेकिन गोरहे के सख्त रवैये के बाद उपकुलपति पर भी दबाव बढ़ने लगा. नियमानुसार जब स्पष्टीकरण प्रशासन द्वारा नकार दिया जाता है, उस स्थिति में उपकुलपति अपने अधिकारों का उपयोग कर सख्ती के अवकाश पर भेज सकता है. शुक्रवार को उपकुलपति प्रा.सुभाष चौधरी ने इसी अधिकार का उपयोग करते हुए कार्रवाई की. उपकुलपति के आदेश के बाद कुलसचिव ने पत्र जारी किया और विभाग में बैठे धवनकर को सौंपा गया. अब जांच प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी.

    छुट्टी के दौरान धवनकर विश्वविद्यालय, कैम्पस और जनसंवाद विभाग में नहीं आ सकते. इसके लिए उन्हें उपकुलपति की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा. सख्ती के अवकाश पर भेजने के बाद अब उनके खिलाफ पुलिस जांच में भी तेजी आएगी. हालांकि विवि की ओर से अब तक पुलिस थाने में शिकायत तो नहीं की गई है लेकिन पीड़ित प्राध्यापकों की शिकायत के आधार पर जांच की जा सकती है. यही वजह है कि अब धवनकर पर पुलिस का शिकंजा कसने की भी उम्मीद बढ़ गई है.